झोलाछाप के इलाज ने ली युवक की जान

खबरें अभी तक। थाना खैरिघाट इलाके के इमामगंज का रहने वाला नदीम पेशे से दिहाड़ी मज़दूर था. कुछ दिन पहले मृतक अपने थाना रुपइडिहा इलाके के सुमेरपुर में रहने वाले अपने फूफा के वहां उनके निर्माणाधीन मकान में मज़दूरी करने गया था. 22 जून को जब वो दिनभर मज़दूरी करके शाम को बैठा तो उसकी तबियत बिगड़ने लगी और उसको अचानक सर में दर्द और उलटी आने लगी.

आरोप है की जब परिजन उसे नानपारा ले जाने के लिए गाडी का इंतज़ार कर रहे थे की तभी वहां का झोलाछाप डॉ सुधीर सिंह आ गया और उसे ठीक कर देने का आश्वासन देते हुए इलाज करने की बात कही जिस पर और इलाज शुरू कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डॉ में ताबड़तोड़ 4 इंजेक्शन मरीज़ के लगा दिए जिससे वो तुरंत बेहोश हो गया.

बिगड़ी हालत देख परिजन उसे सीएचसी में लाये जहाँ से उसे जिला अस्पताल रेफेर कर दिया गया लेकिन मरीज़ की ख़राब हालत देखते हुए यहाँ के डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर लिए और लखनऊ ले जाने की सलाह दी लेकिन जब तक उसे लखनऊ ले जाया जाता उसने दम तोड़ दिया.परिजनों का आरोप है की झोलाछाप डॉ के इलाज से ही उसकी जान गई है. उनका ये भी कहना है की आरोपी डॉक्टर नशे की हालत में मरीजों का इलाज करता है।

वही इस इस पुरे मामले पर अब पुलिस पर्दा डालने की फिराक में लगी हुई है मृतक के परिजनों ने रुपइडिहा थाने में डॉ के खिलाफ नामजद तहरीर दी है जिसपर पुलिस ने शव का पीएम करवा लिया है लेकिन अभी तक झोलाछाप को गिरफ्तार करने की ज़हमत नहीं उठाई है यहाँ तक की रुपइडिहा पुलिस इस मामले में किसी भी तरह की तहरीर मिलने से भी साफ़ इनकार कर रही है.

इससे साफ़ है की कही न कही जिले में संचालित झोलाछापों की जानलेवा दुकाने पुलिस और स्वास्थ्य महकमें की मिलीभगत से खूब फलफूल रही है और गरीबों की जान से खिलवाड़ हो रहा हैं।