UP के महागठबंधन में पड़ी दरार, अखिलेश को नहीं पसंद कांग्रेस पार्टी

खबरें अभी तक। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ सारा विपक्ष एकजुट हो रहा है। लेकिन वहीं सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में महागठबंधन से कांग्रेस पार्टी को बाहर रखने की बात कही है। इसी मुद्दे को लेकर अखिलेश यादव आज नई दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात  भी करेंगे।

अखिलेश यादव के करीबी सूत्रों के मुताबिक पार्टी साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें ही देना चाहती है। इस बाबत गठबंधन के दूसरे दलों से चर्चा करने के लिए आज  अखिलेश यादव दिल्ली पहुंच रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी सिर्फ अमेठी और रायबरेली सीट ही कांग्रेस को देना चाहती है। सपा इससे एक भी सीट ज्यादा कांग्रेस को नहीं देना चाहती है। इस बाबत सपा कांग्रेस को प्रस्ताव भी देने की योजना बना रही है। सपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी यूपी में त्रिकोणीय मुकाबला चाहती है और महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने की इच्छुक नहीं है।

कांग्रेस और सपा में दरार की खबरें उस समय सामने आईं, जब राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी में न अखिलेश यादव पहुंचे और न ही उनकी पार्टी का कोई नुमाइंदा। हालांकि अखिलेश यादव ने इफ्तार पार्टी में हिस्सा लेने के लिए जोर-शोर से ऐलान भी किया था। इसके बाद से लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है?

सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को BSP सुप्रीमो मायावती और कांग्रेस की करीबी रास नहीं आ रही है?  क्या पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर बीएसपी के दबाव में हैं।

बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में करारी हार के लिए समाजवादी पार्टी कांग्रेस को जिम्मेदार मानती है। लिहाजा समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा भाव देने के मूड में नहीं है।

वहीं, उपचुनावों में मिली जीत के बाद से समाजवादी पार्टी किसी भी सूरत में बीएसपी का साथ नहीं छोड़ना चाहती है। अखिलेश यादव तो यहां तक ऐलान कर चुके हैं कि वो बसपा के साथ गठबंधन के लिए जूनियर पार्टनर बनने और कुछ सीटें छोड़ने तक को तैयार हैं।