MBBS, BDS की काउंसिलिंग, हाईकोर्ट ने दी छात्रों को राहत

खबरें अभी तक। शिमला हाई कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों को एमबीबीएस, बीडीएस की काउंसलिंग में स्टेट कोटे से भाग लेने की अनुमति दे दी, जिन्होंने कम से कम दो बोर्ड की परीक्षाएं उत्तीर्ण नहीं की हैं। न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की बैंच ने इस मामले में  सरकार और प्रदेश यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश पारित किए।

अदालत ने अपने आदेशों में साफ कहा है कि विश्वविद्यालय इन अभ्यर्थियों के फार्म ऑफलाइन स्वीकार करे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि यूनिवर्सिटी द्वारा एमबीबीएस, बीडीएस की काउंसिलिंग में भाग लेने के लिए 12 जून को प्रोस्पेक्टस जारी किया था, जिसके तहत वे  सभी अभ्यर्थी, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में स्थित स्कूलों से कम से कम दो बोर्ड की परीक्षाएं उत्तीर्ण नहीं कीं, वे भी भाग लेने के लिए योग्य थे, लेकिन अगले दिन यूनिवर्सिटी ने शुद्धिपत्र जारी कर 12 जून को जारी प्रोस्पेक्टस को संशोधित कर दिया।

संशोधित प्रोस्पेक्टस के हिसाब से वे सभी अभ्यर्थी एमबीबीएस, बीडीएस की काउंसिलिंग में स्टेट कोटे से भाग नहीं ले सकते, जिन्होंने  हिमाचल प्रदेश में स्थित स्कूलों से कम से कम दो बोर्ड की परीक्षाएं उत्तीर्ण नहीं की हैं। प्रार्थी ने अदालत के समक्ष दलील दी है कि वे हिमाचली हैं और उनके अभिभावक अपनी आजीविका कमाने के लिए हिमाचल से बाहर रहते हैं, इसलिए वे हिमाचल स्थित स्कूलों से कम से कम बोर्ड की दो परीक्षाएं उत्तीर्ण नहीं कर सके।