पढ़े-लिखे युवाओं के साथ मजाक, गोबर उठाने को मजबूर पढ़े-लिखे युवा

खबरें अभी तक। शिक्षित युवा, सम्मानित हुआ इस नारे के साथ हरियाणा सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। और योजना की हकीकत बेहद सोचनीय है। प्रदेश सरकार इस योजना के जरिए पढ़े-लिखे युवाओं के साथ मजाक कर रही है। प्रदेश में हालात ऐसे हैं कि ग्रेजुएट व पीजी डिग्री धारक बेरोजगारों को सरकार गोबर उठाने के लिए सक्षम बना रही है।

बेरोजगारी का दंश ऐसा है कि ये युवा गोबर उठाने से भी गुरेज नहीं कर रहे. पर उन्हें इसके लिए भी अपमान झेलना पड़ रहा है। रेवाड़ी जिले में एमएससी, बीएससी, बीएड, एमए व बीटेक पास 500 से अधिक बेरोजगार युवाओं ने सक्षम युवा योजना में पंजीकरण कराया हुआ है। इनमें से 200 से अधिक युवाओं को डीआरडीए ने गांव में जाकर जैविक खाद के प्लांट तैयार करने का काम दिया है।

जैविक खाद के बारे में जानना और उसके प्लांट तैयार करना एक अच्छी सोच है, लेकिन बेटियों व दिव्यांग बेरोजगारों से घर से गोबर उठवाना कहां तक जायज है। इतना ही नहीं जब ये गोबर उठाने से मना करते हैं या किसी अभद्रता की शिकायत करते हैं तो सरपंच से लेकर प्रशासन से उनको यही धमकी मिलती है कि रिलीव कर दिए जाओगे।

इससे परेशान होकर प्रदेश भर से पंजीकरण कराने वाले 42523 में से 30378 सक्षम युवाओं ने काम ही छोड़ दिया।