दाती महाराज की काली कुंडली पर कानून का ग्रहण

ख़बरें अभी तक। दूसरों की कुण्डली बताने वाले बाबा दाती महाराज की अपनी कुंडली अब कानून की गिरफ्त में है. दाती महाराज के नाम से मशहूर इस शख्स का असली नाम मदन लाल है जो कि राजस्थान के पाली जिले के अलावास गांव का रहने वाला है. मदन लाल का जन्म जुलाई 1950 में हुआ और वह ढोलक बजाकर पैसा कमाता था. मदन के पिता देवाराम भी यही काम करते थे. वहीं कुछ समय के बाद उनकी मां का देहांत हो गया. जब मदन की मां का देहांत हुआ इसके कुछ साल बाद उसके पिता का भी देहांत हो गया, उस वक्त मदन की आयु सात साल की थी.

वहीं कुछ सालों बाद मदन गांव के ही एक शख्स के साथ दिल्ली आ गया. जहां उसने चाय की दुकान में काम करने जैसे छोटे-मोटे काम किए, फिर आगे चलकर कैटरिंग का काम सीख लिया. इसके बाद मदन बर्थडे और छोटी-मोटी पार्टियों के लिए कैटरिंग करने लगा. मदनलाल की जिंदगी में ट्विस्ट साल 1996 में आया, जब उसकी मुलाकात राजस्थान के एक ज्योतिषी से हुई. ज्योतिषी से मिलने के बाद मदनलाल ने जन्मकुंडली देखना भी सीख लिया, जिसमें उसको कम मेहनत में भरपूर मुनाफा था और यह काम करने में उसको आंनद आने लगा था.

जिसके बाद मदन ने कैटरिंग का कारोबार बंद कर कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष केंद्र खोल लिया, साथ ही अपना नाम बदलकर दाती महाराज रख लिया और कुछ ही सालों में मदन जाना माना ज्योतिषी बन गया. जहां से उसका लोगों को शनिदेव के नाम पर डराना धमकाना शुरु हो गया और लोगों के मन में डर पैदा कर वह अपना कारोबार चमकाता रहा और फिर जैसे जैसे वह फेमस होता रहा उसने अपने आप को श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती जी महाराज का नाम दिया और दाती महाराज न्यूज चैनल्स के जरिए भी अपनी पब्लिसिटी करने लगा. ‘शनि शत्रु नहीं मित्र है’ जैसे प्रोग्राम के जरिए वह चर्चा में आया गया और 2003 में दाती महाराज ने अपने आश्रम में शनि देव की एक प्रतिमा स्थापित कर दी. आश्रम में अस्पताल, गोशाला और अनाथालय भी बनवाए. इसके बाद दाती महाराज ने पाली में भी अपना एक आश्रम बना दिया.

आपकों बता दें कि दाती महाराज और उनके कुछ सहयोगियों पर हाल ही में 25 साल की एक युवती ने रेप करने का आरोप लगाया है. ये घटना दो साल पहले की है. इस मामले में युवती ने दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी थाने में शिकायत की है.