नूंह: महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिलने की जगी संभावना

ख़बरें अभी तक। नूंह मेवात की महिलाएं कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद गुदड़ी, चंगेरी इत्यादि बनाने वाली महिलाओं के दिन बदलने जा रहे हैं. रोजगार की तलाश में परेशान घूम रही महिलाओं को अब घर बैठे रोजगार मिलने की संभावना जगी है. जिला बाल कल्याण परिषद की तरफ से आगामी 20 जून को ओल्ड एडीसी कार्यालय प्रांगण में महिला रोजगार मेला लगाया जा रहा है. मेले में कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षण ले रही महिलाओं के अलावा कोई भी महिला भाग ले सकती है. रोजगार मेले में बहुत सी कंपनियां पहुंच रही है. महिला मेला में प्रदर्शनी और स्टॉल पर मेवाती महिलाओं का हुनर भी लोगों को दिखाई देगा.

आगामी 20 जून को नूंह में लगने जा रहे महिला रोजगार मेले की तैयारियां जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है. शुक्रवार को सर्किट हाउस नूंह में जिला बाल कल्याण अधिकारी विश्वास मलिक ने सरपंचों और कौशल विकास केंद्रों की टीचर के साथ बैठक की. बैठक में मेले से संबंधित जरुरी दिशा – निर्देश दिए गए.

दरअसल मेवात में रोजगार की कमी है ,खासकर महिलाओं के लिए तो रोजगार के अवसर न के बराबर हैं, जबकि मेवात की महिलाओं में हूनर की कोई कमी नहीं है. गेंहू की नली से बनी चंगेरी तो पुराने – नए कपड़ों से बनी चारपाई पर बिछाने वाली गुदड़ी की देश – विदेश तक धूम है. जिले में जिला बाल कल्याण परिषद और एमएमटीसी पेम्प के सहयोग से करीब 20 कौशल विकास केंद्र चलाये जा रहे है.

महिलाओं को कटिंग – टेलरिंग के अलावा कई प्रकार का प्रशिक्षण यहां दिया जाता है. इन केंद्रों में लगभग 1145 महिलाएं – लड़कियां प्रशिक्षण ले रही है. कौशल विकास केंद्र को धागा इत्यादि के लिए प्रति माह 2 हजार रुपये तो टीचर को करीब साढ़े ग्यारह हजार रुपये का वेतन एमएमटीसी पेम्प की तरफ से सीएसआर योजना के तहत दिया जा रहा है. सिलाई मशीनों से लेकर अन्य सामान भी एमएमटीसी मुहैया करा रही है.

फैशन डिजायनर से लेकर उद्योगपति तक रोजगार मेले में मेवाती महिलाओं के हुनर की परख करने आ रहे है. यह पहला मौका होगा है, जब जिले की महिलाओं को अपना हुनर दिखाकर बेहतर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. मेले में अगर सैकड़ों महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान हुए तो मेवात की तक़दीर – तस्वीर बदलने में महिलाएं पुरुषों से कई गुणा आगे निकल सकती है. देर से ही सही मेवाती महिलाओं के गुदड़ी – चंगेरी की धूम दुनिया भर में सुनाई देगी.