भारत की सबसे ऊंची चोटी कंचनजंघा फतह कर पहला हरियाणवी बना गौरव

ख़बरें अभी तक। दुबलधन माजरा गांव के पर्वतारोही गौरव कादियान भारत की सबसे ऊंची और दुनिया की तीन सबसे ऊंची चोटियों में शुमार कंचनजंघा पर तिरंगा फहराने वाले पहले हरियाणवी बन गए है. झज्जर के इस बेटे ने ना केवल अपने गांव व जिले का बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है. गौरव को जिला उपायुक्त सोनल गोयल ने सम्मानित किया. साथ ही उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. गौरव ने प्रथम प्रयास में ही कंचनजंघा की कठिन चढ़ाई को फतह कर युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया है.

पर्वतारोही गौरव कादियान ने बताया कि ओएनजीसी की पंद्रह सदस्यीय टीम को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 12 अप्रैल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. दल के पांच साथियों सहित 20 मई को सुबह सवा आठ बजे कंचनजंघा चोटी पर तिरंगा फहराने में सफल रहे,  जबकि दल के अन्य साथी भी अगले दिन चोटी फतह करने में सफल रहे. उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के बाद कोई भी भारतीय पर्वतारोही कंचनजंघा फतह नहीं कर पाया था. कंचनजंघा भारतीय पर्वतारोहियों के लिए एक चुनौति बन चुका था.

ओएनजीसी ने मिशन कंचनजंघा को फतह करने के लिए एक दल तैयार किया. मिशन कंचनजंघा को फतह करने के लिए चुने गए पर्वतारोही दल को अटल बिहारी वाजपेयी माउंटियरिंग एंड एलाइड स्पोट्रस संस्थान मनाली में पर्वतारोहण की बेसिक व एडवांस ट्रेनिंग दी गई.

ओएनजीसी में कार्यकारी अभियंता के पद पर कार्यरत 30 वर्षीय गौरव कादियान ने बताया कि पर्वतारोही बनने के लिए कठिन मेहनत, प्रशिक्षण और आत्मबल की जरूरत होती है. ओएनजीसी ने मिशन कंचनजंघा के टीम चुनी तो उन्होंने पर्वतारोहण की चुनौती को स्वीकार किया. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें पता चला कि अब तक हरियाणा से कोई भी पर्वतारोही कंचनजंघा फतह नहीं कर पाया है तो उन्होंने इसे दोहरी चुनौति के रूप में स्वीकार किया.

गौरव ने बताया कि कंचनजंघा की कठिन चढ़ाई से पहले मांउट सतोपंत ऊंचाई 7075 मीटर तथा माउंट सतोकांगड़ी ऊंचाई 6123 मीटर फतह ताकि मिशन कंचनजंघा को पहली बार में ही फतह किया जा सके. इसी तैयारी की बदौलत ही कंचनजंघा पर तिरंगा फहराकर उसी दिन बेस कैंप में लौटकर एक रिकॉर्ड बनाया. गौरव का सपना है कि वो विश्व की सबसे उंची चौटी माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल करें. लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार के सहयोग की आवश्यकता है.

आपको बता दें कि गौरव की मां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गिाजाडौद में प्राध्यापिका है. उन्होंने अपने बेटे की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत को जज्बे को देते हुए कहा कि गौरव की पत्नी भावना ने भी समय समय पर हौसला बढ़ाया है. मां ने कहा कि बेटे ने लठ गाढ़ दिया तो वहीं पत्नी भावना ने कहा कि उन्हें अपने पति पर पूरा भरोसा था कि वो इस मुकाम को हासिल करेंगे.