G-7 लड़कियों की शिक्षा के लिए खर्च करेगा करीब 20 हजार करोड़

खबरें अभी तक। विकसित देशों के संगठन जी-7 ने संकटग्रस्त क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के लिए करीब तीन अरब डॉलर (20 हजार करोड़ रुपये) खर्च करने का निर्णय लिया है। क्यूबेक रिजॉर्ट में सम्मेलन की मेजबानी कर रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे संकटग्रस्त इलाकों में महिलाओं की शिक्षा के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश बताया है।

कनाडा कुल राशि में करीब 30 लाख डॉलर (करीब दो हजार करोड़ रुपये) का योगदान देगा। यह राशि अगले तीन से पांच साल में खर्च की जाएगी। कई सामाजिक और महिलावादी संगठनों ने जी-7 के इस फैसले की तारीफ की है। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने भी इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि इससे लड़कियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

दुनिया के शक्तिशाली और संपन्न देशों के इस समूह में अमेरिका के अतिरिक्त ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली और जापान हैं। रूस, चीन और भारत फिलहाल इससे बाहर हैं।

रूस को जी-7 में शामिल करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, रूस का जी-7 में फिर से शामिल होना सभी के लिए अच्छा होगा। जी-8 बनकर संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्रों का यह गठजोड़ ज्यादा प्रभावी साबित होगा। लेकिन सम्मेलन में ट्रंप के इस प्रस्ताव को खास समर्थन नहीं मिल सका। यहां तक कि अमेरिका के नजदीकी सहयोगी ब्रिटेन और कनाडा ने भी प्रस्ताव से दूरी बनाई।

रूस की प्रतिक्रिया ने भी प्रस्ताव पर पानी फेर दिया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनके देश ने जी-7 में फिर से शामिल होने की इच्छा नहीं जताई है, वह जी 20 के साथ काम करके खुश है। उल्लेखनीय है कि 2014 में क्रीमिया संकट के बाद रूस को शक्तिशाली देशों के इस गुट से बाहर कर दिया गया था।