अवैद जमीन की खरीद, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

खबरें अभी तक। नालागढ़ शहर के वार्ड नम्बर-1 की एक कालोनी में ग्रीनलैंड डेवेल्पर को को बेचने का मामला शिमला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस जमीन पर कमर्शियल और रिहायशी भवन बनाए गए है। करोड़ों रुपए के इस जमीन फर्जीवाड़े को लेकर नालागढ़ के 2 लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसको हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

कोर्ट ने इस मामले में संबंधित विभागों से जवाब तलब किया है। इस मामले को लेकर पहले काफी शिकायतें भी हो चुकी हैं। लेकिन अभी तक इसमें कोई कारवाई नहीं हुई है लेकिन अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद कइयों पर गाज गिरने की उम्मीद है।

फर्जीवाड़े में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले नालागढ़ निवासी गुरमीत सिंह और सतिंद्र कुमार अवस्थी ने बताया कि नालागढ़ के वार्ड नम्बर एक में 1990 में टी.सी.पी. विभाग से रिहायशी कालोनी स्वीकृत हुई थी, जिसमें सीवरेज सैप्टिक टैंक व ग्रीन पार्क आदि के लिए जो करीब 2900 वर्ग मीटर जगह आरक्षित की गई थी, उस जमीन को गलत ढंग से 14 लोगों को बेच दिया गया था, जबकि यह जमीन सरकार को मिलनी थी।

मूलभूत सुविधाओं के लिए छोड़ी गई यह जमीन पहले तो गलत ढंग से बेच दी गई और फिर संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने कायदे कानूनों को दरकिनार करके भवन बनाने के नक्शे पास कर दिए।