खेल महाकुंभ पर घमासान, अशोक खेमका ने दिखाई सख्ती

खबरें अभी तक। पिछले साल हुए खेल महाकुंभ की खर्च राशि पर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. 16 जिलों ने तय बजट, 54 लाख से ज्यादा खर्च दिखाकर 4.38 करोड़ रुपए और देने की डिमांड तो कर दी है. लेकिन किस काम पर कितना खर्च किया गया ये ब्योरा देने में ये जिले आनाकानी कर रहे हैं. इस रवैये पर खेल विभाग के प्रधान सचिव सीनियर आईएएस अशोक खेमका ने सख्ती दिखाई है.

खेमका ने सभी जिला खेल अधिकारियों को आदेश देकर शुक्रवार तक हर खर्च का ब्योरा मांगा है. खेमका ने कहा कि अगर ब्योरा नहीं भेजा गया तो अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है। कुछ जिलों में सभी खिलाड़ियों को इनामी राशि अब तक नहीं मिल पाई है.

आपको बता दें कि प्रदेश में पिछले साल 24 सितंबर से 28 अक्टूबर तक खेल महाकुंभ हुआ था. इसमें जिला और राज्य स्तर पर 24 प्रतिस्पर्धी खेल हुए। प्रदेश के 16 जिलों से पहुंची रिपोर्ट में बजट से ज्यादा खर्च दिखाया गया. इन जिलों में कुल खर्चा 8 करोड़ 64 लाख रुपए होना था, लेकिन इसके अलावा 4.38 करोड़ खर्च कर दिए.

झज्जर, जींद, रोहतक, पलवल, सिरसा, सोनीपत में 30-30 लाख रुपए से ज्यादा खर्च दिखाया गया है। जबकि चरखी दादरी में 54 लाख रुपए पूरे खर्च नहीं हुए। यहां पर 24 हजार 354 रुपए बचे हैं। जबकि पंचकूला, गुड़गांव, फरीदाबाद, हिसार, और नूंह आदि जिलों से कोई हिसाब नहीं दिया गया है।