शिमला : जलसंकट पर कैबिनेट का अहम फैसला

खबरें अभी तक। शिमला जलसंकट का मुद्दा बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी खूब उठा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मसले पर काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी के इस मसले पर कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाए और उनसे इस बारे में जवाब तलब किया.

इसके अलावा हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में शिमला के जल संकट को लेकर प्रेजेंटेशन दी गई. इसमें तय किया गया कि कोल डैम का पानी लिफ्ट करने में चार साल का निर्धारित समय लग जाएगा. इससे पहले शिमला शहर की प्यास बुझाने के लिए कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है.

इसके अतिरिक्त शिमला पहुंचे केंद्रीय जल आयोग और भू-जल प्रबंधन बोर्ड की संयुक्त टीमों ने सतुलज नदी के पानी से शिमला की प्यास बुझाने की सिफारिश की है. सतलुज के पानी को गुम्मा पेयजल योजना में शामिल कर शिमला शहर का जल संकट हमेशा के लिए खत्म हो सकता है. इसके अलावा केंद्रीय दलों ने नोटी और भगूरी खड्ड में चैकडैम निर्माण की सिफारिश कर दी है।