विश्व साइकिल दिवस: दिल्ली में साइकिल इस्तेमाल के प्रति समस्या है, बहाल

खबरें अभी तक।विश्व साइकिल दिवस के मौके पर नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने स्मार्ट साइकिल के द्वारा साइकिल को बढ़ावा देने की बात कही। लेकिन एनडीएमसी इलाके में साइकिलें खड़ी करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं है। दिल्ली के पॉश क्षेत्रों में शुमार एनडीएमसी इलाके में साइकिलों के इस्तेमाल के प्रति निकाय द्वारा बरती जा रही अविचलित ढंग से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में साइकिल को बढ़ावा देने के प्रति कितने प्रयास हो रहे होंगे।

बताया जा रहा है कि एनडीएमसी इलाके में किराये पर दी जाने वाली स्मार्ट साइकिल के लिए अभी करीब दो माह का इंतजार करना पड़ेगा। जबकि साधारण साइकिलें पहले से उपलब्ध कराई जा रही है। किराये की साइकिल पंचर होने पर जिम्मेदारी आपकी हैं। एनडीएमसी क्षेत्र में पहले से किराये पर चलने वाली साधारण साइकिल की सवारी आसान नहीं है। दरअसल, इनको किराये पर लेने के बाद इसके रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी उपयोगकर्ता की हो जाती है। पंचर होने से लेकर दुर्घटना तक में खराब हुई साइकिल की मरम्मत उपयोगकर्ता को खुद करानी होगी।

अभी एनडीएमसी इलाके में चल रही साधारण साइकिल में ताला नहीं है, लेकिन चोरी होने की स्थिति में उपयोगकर्ता को चार हजार रुपये का भुगतान संचालक को करना पड़ता है। योगेश कुमार बताते हैं कि वह साइकिल से सफर करना चाहते हैं, लेकिन न तो साइकिल खड़ी करने के लिए पार्किग है और न ही साइकिल में ताला है। इस कारण इसके चोरी होने का डर रहता है। अगर पार्किग की सुरक्षित व्यवस्था उपलब्ध करा दी जाए तो लोग ज्यादा से ज्यादा साइकिल का उपयोग करेंगे।

साइकिल को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली के प्रमुख चौराहों और पर्यटन स्थल के नजदीक साइकिल उपलब्ध कराने के लिए साइकिल स्टैंड बनाने का फैसला लिया गया था। कई स्थानों पर तो यह सुचारु रूप से चल रहा है, लेकिन कई स्थानों पर नजर अंदाज किया जा रहा है। आइटीओ के रामचरण अग्रवाल चौक पर स्थित साइकिल स्टैंड पर न तो संचालक है और न ही कोई ग्राहक। उल्टा लालबत्ती पर सामान की बिक्री करने वाले बच्चे अक्सर इन साइकिलों से खेलते हुए नजर आ जाते हैं। वहीं बाराखंभा और मंडी हाउस के साइकिल स्टैंड से प्रतिदिन पांच-सात लोग ही साइकिल का उपयोग करते हैं।