उपचुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को खुश करने का किया इंतजाम

खबरें अभी तक। उत्तर प्रदेश के कैराना और नूरपुर उपचुनाव में गन्ना किसानों की नाराजगी का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पूरे ‘गन्ना लैंड’ में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही थी। उपचुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को खुश करने का इंतजाम किया है। ताकि यूपी के गन्ना लैंड में उसकी बादशाहत 2019 में भी बरकरार रहे।

कैराना उपचुनाव में ठोकर लगने के बाद केंद्र की मोदी सरकार की आंखें खुलीं। सरकार गन्ना किसानों को बड़ी राहत देते हुए उनका बकाया 20 हजार करोड़ के भुगतान करने का ऐलान किया है। साथ ही सरकार ने चीनी से निर्यात कर भी हटा दिया है। गन्ना किसानों के लिए राहत की कई घोषणाएं करते हुए कहा कि गन्ने का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया जाएगा। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समिति ने सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर कहा कि इन सब के पीछे कैराना का असर है।

भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। गन्ना लैंड में पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल और मध्य यूपी का क्षेत्र शामिल है। पश्चिम यूपी को तो गन्ना का कटोरा कहा जाता है। बागपत, कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अमरोहा, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, हरदोई, फैजाबाद, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, देवरिया, बलिया और मऊ सहित करीब 40 लोकसभा सीटें हैं जो गन्ना लैंड के दायरे में आती हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और सहयोगियों ने यूपी की 80 सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी। गन्ना लैंड की तो सभी सीटें बीजेपी के नाम रही। लेकिन कैराना सीट की हार ने बीजेपी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

मोदी सरकार के गन्ना किसानों पर मेहरबानी के पीछे मकसद 2019 का लोकसभा चुनाव माना जा रहा है। किसानों में नाराजगी बीजेपी से बढ़ती जा रही है और मोदी के खिलाफ विपक्ष एकजुट हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने गन्ना किसानों की नाराजगी को दूर करने और उनके दिल में फिर से जगह बनाने के लिए मास्टरस्ट्रोक चला है। इसके जरिए बीजेपी को उम्मीद है कि फिर एक बार गन्ना लैंड में उसका जादू बरकरार रहेगा।

दरअसल कैराना उपचुनाव के समय गन्ना का मुद्दा बहुत जोर-शोर से उछाला गया था। जिसका समर्थन कई विपक्षी दलों ने भी किया था। उनके मुताबिक गन्ना से जुड़े देश भर के किसानों का करीब 20 हजार करोड़ का भुगतान नहीं किया गया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कैराना उपचुनाव में बीजेपी की हार के मुख्य कारणों में से एक गन्ना किसानों के पैसे का भुगतान न होना भी था।

बता दें कि यूपी के गन्ना किसानों की बदहाली जगजाहिर है। प्रदेश के गन्ना किसानों का 13 हजार करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है। जबकि योगी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा कैराना लोकसभा क्षेत्र से आने वाली थानाभवन विधानसभा सीट से विधायक हैं। बावजूद इसके गन्ना किसानों को भुगतान के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।