किसान के बेटे ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फतेह हासिल कर किया अपने सपने को साकार  

ख़बरें अभी तक। फतेहाबाद : माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फतेह हासिल करके अपने गांव ढाणी डूल्ट पहुंचे नवदीप बाजिया का ढोल के साथ ग्रामीणों ने स्वागत किया. सैंकडों की संख्या में ढाणी डूल्ट के लोगों ने भूना बस स्टैंड पहुंचकर अपने लाडले का फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया. पर्वतारोही नवदीप बाजिया को भूना से गांव ढाणी गोपाल तक खुली जीप में बैठाकर काफिला के रुप में ले जाया गया, जिसके आगे करीब 60-70 मोटरसाइकिलों का जत्था भी चल रहा था.

गांव ढाणी डूल्ट के 25 वर्षीय नवदीप बाजिया एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखते है. बाजिया माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पिछले साल बिल्कुल नजदीक पहुंच गए थे, मगर बर्फीले तूफान की वजह से 8  हजार मीटर से वापस लौटना पड़ा था. गांव में मात्र 4 एकड़ जमीन से गुजर बसर करने वाले किसान के इस बेटे ने 15 लाख रुपये कर्ज उठाकर अपने सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बुंलदियों को 21 मई को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा दिया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भी गांव ढाणी डूल्ट में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचे और नवदीप का हौसला बढ़ाया. बराला ने कहा की नवदीप ने हरियाणा प्रदेश व फतेहाबाद का नाम रोशन किया है सरकार से जो भी मदद होगी वो कि जाएगी.

नवदीप बाजिया का कहना है कि सबसे बड़ी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराना विश्वस्तरीय चुनौती से कम नहीं था. किंतु मैंने तो मन में ठान ही लिया था कि देश में ढाणी डूल्ट का नाम रोशन करना है तो एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर ही लौटूंगा. उन्होंने बताया कि 1 डिग्री तापमान पर एक पल रुकना भी दूभर बना हुआ था. किंतु मन में हौंसला और दिल में जज्बा कुछ नया कर गुजरने का था.