राजधानी शिमला में अब पुलिस की निगरानी में होगी पानी की सप्लाई 

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश:  शहर में चल रहे जल संकट को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट में शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन भी सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने की-मैन की पानी वितरण को लेकर उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आदेश दिए हैं कि अब हर की-मैन कम से कम दो पुलिसकर्मियों की निगरानी में उपभोक्ताओं का पानी खोलेंगे और बंद करेंगे. कोर्ट ने घरेलू कनेक्शनों से पानी लेकर व्यावसायिक गतिविधियों में प्रयोग करने पर कनेक्शन फौरन काटने को कहा है. मामले पर आगामी सुनवाई 11 जून को होगी. इस दिन मुख्य सचिव से इस मामले को लेकर निजी शपथ पत्र पर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर प्रधान सचिव पर्यटन और नगर आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं.

कोर्ट ने नगर निगम को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के आदेश भी दिए

इसकी अगुवाई का जिम्मा सहायक आयुक्त नगर निगम को दिया है. ग्रुप में नगर निगम अभियंता को पानी वितरण से संबंधित सभी जेई व की-मैन को शामिल करने के आदेश दिए हैं. इस ग्रुप में संबंधित व्यक्ति को यह शेयर करना होगा कि उसके अधीन पड़ने वाले स्रोतों से कितना पानी निगम को आया और कितना बांटा गया यह जानकारी हर घंटे बाद ग्रुप में डालनी होगी.

यह भी शेयर करना होगा कि की-मैन ने कब और कहां पानी खोला और बंद किया

इस जानकारी का उत्तरदायित्व संबंधित जेई को दिया गया है. कोर्ट ने नगर निगम के सभी चुने पार्षदों को निगम के पानी वितरण के मामले में सहयोग करने को कहा. अगर कोई इसमें बाधा उत्पन्न करता पाया तो उपायुक्त शिमला को कार्रवाई की छूट दी है.

पानी खोलने वाले की-मैन के पानी सप्लाई खोलने और बंद करने का वीडियो अपलोड करना होगा

टैंकरों से सप्लाई और की-मैन के माध्यम से होने वाले पानी के वितरण की राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव मॉनिटर करेंगे. वहीं ओवरफ्लो होने वाली पानी की टंकिया के कनेक्शन आधे घंटे के भीतर काटने के निर्देश दिए है.

हाईकोर्ट ने सीएम के काम को सराहा

वहीं हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा शिमला में जलसंकट से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा है. कोर्ट ने अपने आदेशों में मुख्यमंत्री के प्रयासों के प्रति संतुष्टि जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से शहर में पानी की सप्लाई बढ़ी है.

मीडिया को दी सलाह

मीडिया को शिमला में पानी की कमी को तथ्यों से परे बताने पर सावधानी बरतने की सलाह दी है. ऐसी फर्जी खबरों से परहेज करने को कहा गया है जिससे पर्यटन की दृष्टि से शिमला की छवि खराब और पर्यटकों में अफरातफरी फैले.