हरियाणा: स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी, जानिए क्या है इसकी बड़ी वजह

खबरें अभी तक। हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की कमी का एक बड़ा कारण यह भी सामने आ रहा है कि इस समय 200 के करीब डॉक्टर डेपूटेशन और पीजी पर गए हुए हैं। करीब 140 डॉक्टर लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं और 70 के करीब महिला डॉक्टर हमेशा चाइल्ड केयर लीव पर रहती हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में 60 सिविल अस्पताल, 8 ट्रामा सेंटर, 3 बर्न यूनिट, 64 अर्बन डिस्पेंसरी, 124 कम्यूनिटी हैल्थ सेंटर (सीएचसी), 500 प्राइमरी हैल्थ सेंटर (पीएचसी), 2630 हैल्थ सब सेंटर हैं।

प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर के 3083 स्वीकृत पद हैं, इनमें से 2723 पद ही भरे हुए हैं। हाल ही में 59 एमओ की जो प्रमोशन हुए हैं,  इससे यह एमओ के पद भी रिक्त हो गए हैं। हरियाणा में  64 प्राइमरी हैल्थ सेंटर (पीएचसी)  बगैर डॉक्टरों के चल रही है, इतना ही नहीं 360 से अधिक मेडिकल ऑफिसर के पद अब तक रिक्त पड़े हैं। महत्चपूर्ण बात यह है कि पंचकूला, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रोहतक में स्वीकृत पदों से अधिक डॉक्टर तैनात हैं, इतना ही नहीं सरकार ने जो रिटायरमेंट के बाद सीनियर डॉक्टरों को कंसलटेंट के पद पर लगाया उनको भी इन्हीं शहरों में लगाया हुआ है। इसके अलावा हरियाणा में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती अभी पूरी तरह नहीं है।

पंचकूला में सबसे अधिक 76 स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात हैं, अंबाला में करीब 64 स्पेशलिस्ट डाक्टर इस समय अपनी सेवा दे रहे हैं। झज्जर में करीब 60 स्पेशलिस्ट तैनात हैं तो गुरुग्राम और रोहतक में 59-59 स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात हैं। सिरसा जिले में  45 स्पेशलिस्ट डॉक्टर नियुक्त हैं। इसके अलावा फरीदाबाद में 42 स्पेशलिस्ट हैं। जबकि दूसरे जिलों में 20 से लेकर 40 तक स्पेशलिस्ट डाक्टर तैनात किए गए हैं। यहां यह बता दें कि मेवात में आज भी कोई महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है, जबकि बड़े शहरों में स्वीकृत पदों से अधिक महिला रोग विशेषज्ञ तैनात हैं।

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने माना कि प्रदेश में फिलहाल डॉक्टरों की कमी है। लेकिन इस कमी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा 22 नये मेडिकल कॉलेज बनाये जायेंगे। प्रदेश में 27 हजार डॉक्टरों के पद हैं। जिनमें से 7000 पद भरे हुए हैं। रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए सरकार द्वारा कार्यवाही की जाएगी।