ओवरलोड वाहन पाया गया तो एंट्री प्वाइंट के बजाय अपने आप ही खुल जाएगा एक्जिट गेट

खबरें अभी तक। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को प्रदूषण और जाम से बचाने के लिए केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट इस्टर्न-पैरिफेरल-एक्सप्रेस-वे (केजीपी) का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) ने लगभग तैयार कर इसका उद्घाटन यूपी के बागपत से पीएम नरेंदर मोदी ने कर दिया है। अब गमगाते केजीपी राजमार्ग पर सुहाने सफर का सपना साकार होगा। पलवल से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर कुडंली तक सिक्स लाईन के एसक्सप्रेस-वे पर वाहनों की स्पीड लिमिट 120 किमी/घंटा के हिसाब से 135 किमी की लंबी दूरी अब मात्र 70 मिनट में माप सकेंगे। यह एक्सप्रैस-वे बाहरी राज्यों में जाने वाले वाहनों को दिल्ली के बाहर से निकाल देगा। इसकी खूबियां विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बनाएंगी।

केजीपी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भारत का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है, जिसमें वाहनों का वजन एंट्री प्वाइंट पर पहुंचने से पहले ही हो जाएगा और यह डिसाइड हो जाएगा कि उक्त वाहन की एंट्री होनी है कि नहीं। दिलचस्प ये है कि अगर वाहन ओवरलोड पाया गया तो एंट्री प्वाइंट के बजाय अपने आप ही एक्जिट गेट खुल जाएगा। इसे बनाने की लागत 12 हजार करोड़ रुपए आई है तथा इसे बनाने का समय 30 महीने रखा गया था लेकिन इसे 18 माह में ही पूरा कर लिया गया। वहीं यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसमें बगीचे बने हैं। कुंडली टोल प्लाजा पर डिजिटल गैलरी भी बन रही है। इसमें सब कुछ वर्चुअल होगा। जिसे एनएचएआई प्रोजेक्ट की सफलता के तौर पर दिखाएगा।

वहीं पलवल में केएमपी व केजीपी का मिलान होगा तथा इस इंटरचेंङ्क्षजग जंक्शन का नजारा लोगों को विदेशी सफर की हसरत पूरी करता दिखेगा। इस एक्सप्रेवे में मौजूद कई लैंडमार्क पूरे विश्व के लिए उदाहरण बनेंग। ईस्टर्न पेरिफेरल पर गुजरने के दौरान आपको हवामहल से लेकर कुतुबमीनार तक 36 ऐसे ही स्मारक दिखाई देंगे। दरअसल इस पूरे एक्सप्रेवे पर इन स्मारकों की प्रतिक्रितियां लगाई गई हैं। इनमें कुछ प्रमुख स्मारक इस प्रकार हैं इनमें कुतुबमीनार, हवामहल, इंडिया गेट, लालकिला, चार मीनार, जलियांवाला बाग, अशोक चक्र, कीर्ति स्तंभ आदि शामिल हैं तथा यह देश का पहला ग्रीन एक्सप्रेव है। इसमें 100 फीसदी लाइट सोलर से जलेंगी। इस एक्सप्रेसवे पर लगे पौधों की सिंचाई ड्रिप इरीगेशन से होगी।

केजीपी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर हर 20 किलोमीटर पर एंबुलेंस व क्रेन मौजूद होंगे। यमुना में 600 मीटर लंबा 4-4 लेन के ब्रिज होंगे। इस पर 4 बड़े ब्रिज, 46 छोट ब्रिज, 3 फ्लाईओवर, 7 इंटरचेंज, 70 अंडरपास, 151 पैदलपार पथ, 141 पुलिया, 8 रेलवेओवर ब्रिज होंगे। वहीं प्रदूषण रहित होगा इंटरचेंङ्क्षजग जंक्शन पलवल में नेशनल हाईवे नंबर-2 पर केएमपी और केजीपी एक्सप्रेस हाइवे का इंटरजेंङ्क्षचग जंक्शन सोलर लाइट से जगमग होगा। इसके लिए 400 केवी पावर स्टेशन बनाया जा रहा है। पावर स्टेशन बनाने के लिए काम जोर-शोर से किया जा रहा है। जंक्शन एरिया के साथ ही केएमपी, केजीपी और एनएच-2 पर लगाए जाने वाली सभी लाईटें सोलर सिस्टम से जलेंगी। जंक्शन के एक-एक किमी दूर तक सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं। इंटरचेंङ्क्षजग जंक्शन पर्यावरण की दृष्टि से पूरी तरह प्रदूषण रहित होगा। इसके लिए जंक्शन में चार बड़े पार्क सहित 12 पार्क बनाए जा रहे हैं, जिनमें खूब हरियाली होगी। करीब सवा सौ एकड़ जमीन में बनाए जा रहे जंक्शन के पार्कों में पौधों की ङ्क्षसचाई फव्वारों से होगी।

वहीं पलवल जिले के करीब 22 किलोमीटर के क्षेत्र में जहां छोटे-बड़े 20 पार्क बनाए गए हैं। पार्कों में खूबसूरत पौधे राहगीरों को आकर्षित करेंगे तो शाम को उनमें फव्वारों की अद्भूत छटा साथ लगते ग्रामीणों को पिकनिक स्पाट का अहसास कराएगी। केजीपी पर पलवल-अलीगढ़ रोड़ से प्रवेश व निकास मार्ग की आस अभी बाकि है। हालांकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक वर्ष पूर्व ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। केजीपी का सफर करने वाले यात्रियों ने केजीपी के फायदे बताते हुए कहा की इससे जाम की समस्या से निजात मिलेगी और समय भी नस्ट होने से बचेगा। वहीं हरियाना सीएम के राजनितिक सचिव दीपक मंगला ने भी पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद करते हुए पलवल को केजीपी से होने वाले फायदे बताये।