पारा 43 डिग्री के ऊपर, बढ़ती गर्मी से जन जीवन अस्त व्यस्त, प्रशासनिक इंतजाम फेल

खबरें अभी तक। गर्मी के शुरुवाती दौर में ही जन जीवन हुआ अस्त-व्यस्त हो चुका है। अगर बात करे तो जनपद में गर्मी के शुरुवाती दौर में ही पानी की कमी नज़र आने लगी है, वंही नदी, नहर और तालाब पूरी तरह सूख चुके है, तो वंही सरकारी नल ज़्यादातर खराब नज़र रहे है, इंसान हो या जानवर हर कोई पानी को तरसता नज़र आ रहा है। आप को बता दे की श्रावस्ती जनपद में गर्मी के शुरुवाती दौर में ही जन जीवन अस्तव्यस्त हो चुका है जिले में मौजूद राप्ती नदी सूखने के कागार पर आ चुकी है नहर और तालाब पूरी तरह सूख चुके है पशु-पक्षी पानी के तलाश में दरबदर भटकने को मजबूर हो चुके है लेकिन पानी की तलाश पूरी नही होने से पशु पक्षियो की मौत होने लगी है।
 
लगातार बढ़ते तापमान का असर ये है कि आमजन गर्मी से बेहाल होने लगा है। वहीं तेज धूप के चलते अधिकांश तालाब, आदर्श जलाशय सूख गए हैं। किसी तालाब में अगर थोड़ा बहुत पानी है भी तो वह पीने के लायक नहीं है। ऐसी स्थिति में सर्वाधिक दिक्कतें मवेशियों को उठानी पड़ती हैं। इस गर्मी में पेयजल संकट उनके लिए मुसीबत बन गया है।
 
जबकि श्रावस्ती जिले के छोटे-बड़े तालाब व आदर्श जलाशयों की संख्या सैकड़ो में है। इनमें कुछ तालाबों की सूरत विगत वर्षों में एक अभियान के तहत संवारी गई थी। मनेरगा के तहत लाखों खर्च करके इस पर सुंदरीकरण कार्य कराया गया। परंतु इसके बाद फिर जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, नतीजा ये रहा कि जल संरक्षण हो ही नहीं पाया। अब जबकि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है, इन तालाबों में पानी सूख गया है। कुछ में थोड़ा पानी है भी, तो वह बहुत गंदा है।
ऐसे में इंसान तो इंसान पशु पक्षी भी बेहाल हैं। और पानी नही मिल पाने से पशु-पक्षीयो की मौत ही रही है। वंही गरीब तबके के लोग तपती धूप का शिकार हो रहे है, ना प्रशासन द्वारा किसी रैन बसेरे का इन्तिज़ाम हुआ है न ही पानी का, सैकड़ो की संख्या में इण्डिया मार्का नल, खराब पड़े है, इस हालत में आमजन मानस को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल इस संबंध में जब हमारे संवाददाता ने अधिकारीयों से बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नही हो सका।