पर्यटन नगरी डलहौज़ी के टूरिस्ट पॉइंट की सुन्दरता को बढ़ाने वाले प्राकृतिक जलस्त्रोत लगे सूखने

खबरें अभी तक। चिलचिलाती धुप से इस बार डलहौज़ी जैसे ठंडे क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखने लगे है, पर्यटन नगरी डलहौज़ी के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल पंजपुला  के अहम जल स्त्रोत भी सूखने के कगार पर हैं पर्यटकों को लुभाने हेतु  पंज्पुल्ला में प्राकृतिक वाटर फाल भी इन दिनों सुखा सा पड़ गया है जिस कारण बाहरी राज्यों से आये पर्यटक इस वाटर फाल को न देखकर मायूस से हो रहे है, वाटर फाल के साथ साथ प्राकृतिक बहता जल जहाँ बैठकर पर्यटक खुब आनंद उठाते थे अब वहां सिर्फ बड़े बड़े पत्थर ही नज़र आ रहे है.

प्राकृतिक जलस्त्रोतो के सूखने से टूरिस्ट पॉइंट पंज्पुला की खूबसूरती तो कम हुई ही है साथ ही इससे छोटे व्यपारियों को भी मंदी की मार झेलनी पड़ रही है, स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि झरने का सुखना मानो प्राकृतिक खुबसूरती ही ख़त्म होते दिख रही है जिस कारण हमारे काम पर भी बुरा असर पड़ा है पर्यटन स्थल डलहौज़ी के पंज्पुला में पर्यटकों की तादात तो बढती दिख रही है परन्तु जो इन खुबसुरत वादियों को और खुबसूरत बनाती है यह प्राकृतिक जल स्त्रोत वह ही सुखने लगे है तो आगे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी नही बल्कि कम होती जाएगी.

स्थानीय दुकानदार ने बताया कि वाटर फाल हमारे पंज्पुला का मुख्य आकर्षण का केंद्र है जो पर्यटकों को खुब लुभाता है और पर्यटक भारी संख्या में यहाँ आते है परन्तु अब आलम ये है कि प्राकृतिक जल स्त्रोत में पानी की कमी देखी जा रही है और धीरे धीरे ये प्राकृतिक जल कम होते जा रहा है यहाँ आने वाला पर्यटक बहुत मायूस होकर यहाँ से जा रहा है  और हमारी दुकान के काम में भी बहुत कमी हो गई है कारोबार भी ठप सा हो गया है.

स्थानीय दुकानदार समीर ने बताया कि मई महीने में इस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है अभी तो आगे गर्मीयों के महीने बाकि है प्राकृतिक जलस्त्रोत  सुखने लगा है और हमारे कारोबार में भी मंदी का असर देखने को मिल रहा है प्राकृतिक जल स्त्रोत से यहाँ की खूबसूरती बरकरार रहे तो यहाँ सैलानियों की संख्या भी बढेगी और हमारा कारोबार भी अच्छा चलेगा.