हड़प्पा संस्कृति के सबसे पुराने गांव राखी गढ़ी में 22 मकानों पर प्रशासन ने चलाया पिला पंजा

ख़बरें अभी तक। हड़प्पा संस्कृति के सबसे पुराने गांव राखी गढ़ी में टिल्लों पर बने मकानों को तोड़ने का मामला बुधवार को एक बार फिर गर्मा गया. कोर्ट के आदेश पर मकानों को तोड़ने के लिए कई बार प्रशासन कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसको बेरंग लौटना पड़ा था. लेकिन बुधवार को प्रशासन पूरे अमलीजामे के साथ पहुंचा और पूरे गांव को देखते ही देखते छावनी में तब्दील कर दिया. किसी भी अप्रिय घटना से बचने व मकानों को तोड़ने के लिए गांव राखी गढ़ी की हर गली व चौराहे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. सुबह 7 बजे जैसे ही प्रशासन की तरफ से मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की तो ग्रामीण विरोध करने लग गए, लेकिन भारी प्रशासन के चलते ग्रामीण पीछे हट गए और प्रशासन ने 22 मकानों पर पिला पंजा चला दिया, इस दौरान महिलाओं में खासा विरोध देखने को मिला.

ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो पिछले काफी समय से मकानों के बदले मकान व आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे है, लेकिन बार-बार उनको सिर्फ आश्वाशन दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरन्त प्रभाव से उनकी इन समस्याओं का समाधान करें और उनको बेघर होने से बचाए ताकि उनको किसी प्रकार की कोई समस्या न हो. बता दें कि इस मामले को लेकर 31 मई को हिसार जिला प्रशासन कोर्ट के रिपोर्ट पेश करेगा.

गौरतलब है कि गांव राखी गढ़ी के लोग अपने आशियानों को बचाने के लिए पहले भी अनेक बार प्रशासन व सरकार से गुहार लगा चुके है. इतना ही नहीं बारह खाप के अंतर्गत आने वाले अनेक गांवों के लोग इसी वर्ष जनवरी में सामूहिक धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल भी कर चुके है. जिसके बाद वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इनकी वार्तालाप हुई थी और इनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था. लेकिन बुधवार को प्रशासन ने अचानक मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है.

करीब 5 हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा संस्कृति के अवशेष राखी गढ़ी के टीलों में मिले हैं. इन अवशेषों को फिलहाल दिल्ली व पूना की डैक्कन यूनिवर्सिटी में रखे हुए हैं. वित्तमंत्री के प्रयासों से इस गांव में 25 करोड़ रुपयों की लागत से म्यूजियम के निर्माण का कार्य चल रहा है. सरकार इस गांव में पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत है. जिसका पूरा रोड मैप तैयार किया जा चुका है. टीलों के पास बने 201 मकान प्रशासन व सरकार के लिए सिर दर्द बने हुए हैं. अब आगामी 31 मई को हिसार जिला प्रशासन हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर रिपोर्ट पेश करेगा.

डीएसपी जोगिंद्र राठी ने बताया कि गांव में मकानों को तोड़ने के दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. गांव में मकानों को तोड़ने की कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार का विरोध नहीं हुआ तो प्रशासन ने शांतिप्रिय तरीके से कार्रवाई को अमलीजामा पहनाया.