विजिलेंस टीम ने रिश्वतखोर पुलिसकर्मी को किया काबू

खबरें अभी तक। ना खाऊंगा ना खाने दूंगा भ्रष्टाचार मुक्त होगा हरियाणा प्रदेश सरकार के इस नारे को प्रदेश सरकार के अधिकारी फेल करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ताजा मामला यमुनानगर के फरकपुर एरिया से सामने आया है। जहां एक केस को कैंसिल करने की एवज में सब इंस्पेक्टर ने 10 हजार की रिश्वत मांगी शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को इसकी शिकायत कर दी। योजना बनाकर विजिलेंस की टीम ने सब इंस्पेक्टर बलिंद्र को रंगे हाथों पकड़ अपनी जांच शुरू कर दी है। वहीं पकड़े गए सब इंस्पेक्टर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपो को नकारते हुए उसे फसाये जाने की बात कहते हुए निराधार बताया है।

22 मार्च को फर्कपुर स्थित बैंक आफ बड़ौदा के मैनेजर नरेंद्र कुमार ने थाना फर्कपुर में केस दर्ज कराया था कि नई आबादी कॉलोनी निवासी मुकेश की पत्नी उनके बैंक में कर्मचारी है और उसकी विभागीय जांच चल रही है। इसी मामले की जांच करने उच्चाधिकारियों की टीम बैंक में आई थी। इसी दौरान मुकेश बैंक में पहुंच गया। वह आते ही उन पर भड़क गया। वह कर्मचारियों के साथ बहस करने लगा। तभी मुकेश ने उनके साथ हाथापाई कर दी। जब बैंक का सिक्योरिटी गार्ड अंदर आया तो नामजद ने उसकी बंदूक छीनने का भी प्रयास किया। इसके बाद वह फरार हो गया। शिकायत के आधार पर फर्कपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले के जांच अधिकारी एसआई बलिंद्र सिंह थे।

फर्कपुर निवासी मुकेश ने विजिलेंस को बताया कि उसका एक मामला थाना फर्कपुर में चल रहा था। इस मामले की जांच थाने के एएसआई बलिंद्र सिंह द्वारा की जा रही थी। डीएसपी ने अपनी जांच में केस रद्द करने की सिफारिश की थी। लेकिन बलिंद्र सिंह केस रद्द करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था और इस बात के लिए उसे प्रताड़ित कर रहा था। उसने बलिंद्र सिंह को सबक सिखाने के उद्देश्य से इसकी जानकारी विजिलेंस को दी। जानकारी पुख्ता होने के बाद विजिलेंस ने टीम गठित की और 10 हजार रुपये देने के लिए सोमवार शाम का समय निर्धारित किया गया। विजिलेंस ने नोट पर केमिकल लगा दिया था। जैसे ही बलिंद्र सिंह ने उससे रुपये लिए विजिलेंस ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके तकिये के नीचे से 10 हज़ार रुपये बरामद हुए है। पता चला है कि एसआई 10 दिन पहले ही पदोन्नत हुआ था।

वहीं विजिलेंस इंस्पेक्टर दीपक बख्शी ने बताया कि उन्हें मुकेश सिसोदिया ने शिकायत दी थी कि केस की एवज में बलिंद्र उनसे 10 हज़ार रुपए मांग रहा है। शिकायत पर टीम गठित की गई। बलिंद्र की शिकायतकर्ता से 1:00 बजे फोन पर बात हुई मुकेश ने 5:00 बजे का समय पैसे देने के लिए दिया और मुकेश ने इस बात के बारे में  हमे सूचित कर दिया। जिसके बाद हमने टीम बनाई और योजनाबद्ध तरीके से मौके पर पहुंचे और सब इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।

जैसे ही उसे पकड़ा उसके हाथ लाल हो गए और उसके गद्दे के नीचे से 10 हज़ार मिले पता लगा है कि ये 10 दिन पहले ही सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट हुआ था। इस मामले की जांच इसे सौंपी गयी थी। वही विजिलेंस की टीम द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए सब इंस्पेक्टर बलिंद्र ने खुद को निर्दोष बताया है।