हरियाणा सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में लैब टैक्नीशन एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया

खबरें अभी तक। हरियाणा सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में लैब  टैक्नीशन एसोसिएशन ने प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश अहलावत के नेतृत्व में आज सिरसा में मीटिंग हुई और सरकार के फैसले के खिलाफ रणनीति बनाई। मीटिंग में हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर  नारेबाजी भी की। बैठक में प्रदेशभर से लैब संचालक पहुंचे और हरियाणा सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया।

मीडिया से बातचीत करते प्रदेशाध्यक्ष रमेश अहलावत ने कहा कि एमबीबीएस डॉक्टर या एमडी पैथोलॉजिस्ट अनिवार्य करने संबंधी हरियाणा सरकार के आदेशों के खिलाफ लैब संचालकों में रोष है। नए आदेशों के तहत अब लैब टैक्नीशियन को रिपोर्ट के नीचे हस्ताक्षर करने की इजाजत नहीं है। अब सरकार ने नए आदेश जारी कर लैबों में एमबीबीएस डॉक्टर अथवा एमडी पैथोलॉजोस्टि अनिवार्य कर दिया है, जो कि संभव ही नहीं है। जितनी संख्या में प्रदेश में लैब हैं उतनी संख्या में तो डॉक्टर ही नहीं है।  उन्होंने कहा कि हर लैब पर डॉक्टर रखा जाना संभव नहीं हो सकता, अगर रखा जाएगा तो लैब की रिपोर्ट बहुत महंगे हो जाएंगे, इसका भार आम लोगों पर ही पड़ेगा। रमेश अहलावत ने कहा कि भाजपा सरकार लैब संचालकों का शोषण कर रही है।

वर्तमान में जो आदेश हरियाणा सरकार की ओर से लैब संचालकों को दिए गए है, इसके बाद लैब संचालक बर्बादी की कगार पर आ गया है। सरकार को चाहिए था कि वह माननीय अदालत में लैब संचालकों की पैरवी करती, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि लैब संचालक शीघ्र ही हड़ताल करने पर मजबूर है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान से 80 हजार लोग बर्बाद होंगे।