प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों के दावों की खुली पोल

खबरें अभी तक। ये बंद पंखे और और अंधेरे वाले कमरे और इन कमरों में बैठ कर पढ़ रहे देश का भविष्य, ये तस्वीरे कुछ ख़ास है क्योंकि ये तस्वीरे प्रदेश सरकार की शिक्षा नीतियों के दावों की पोल खोल रही है. जहां एक तरफ गर्मी के कहर ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है वही करनाल का ऐसा सरकारी स्कूल भी जहा पर स्कूली बच्चे बीना बिजली, पानी के पढने को मजबूर है जी हां यह स्कूल है करनाल के गांव फुसगढ़ की राजकीय प्राथमिक पाठशाला.

दरसल इस स्कूल का बिल 45 हजार रूपए से ज्यादा हो चूका है लेकिन विभाग की तरफ से तीन हजार रुपए एक साल के दिए जाते है जिस कारण इस बिल को भरा ना जा सका और बिजली विभाग के अधिकारी बिजली का मीटर उतार कर ले गए और एक बार भी यह ना सोचा ये छोटे- छोटे मासूम आखिर इतनी गर्मी में बीना पंखे के पानी व अन्य सुविधाएं के कैसे यहा पढेंगे.

दरसल गाव फुसगढ़ का राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 50 के करीब बच्चे है और पांचवी तक बच्चो की कक्षा यहा लगती है दो अध्यापक पढ़ाने वाले और 5 क्लासे लगती है 2 कमरों में, जी हां अध्यापको की भी स्कुल में कमी है. जहा पर एक कमरे में पहली, दूसरी, तीसरी कक्षा लगती है और एक कमरे में चोथी और पांचवी कक्षा लगती है, मिडडे मिल व्यवस्था भी इससे ख़राब होक चुकी है.

बेहतर शिक्षा व्यवस्था की बात कहने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा जी जरा आप हमारी इस रिपोर्ट को देखिए और जानिए प्रदेश में ऐसे भी स्कुल है जहा पर देश का भविष्य बीना बिजली, पानी के पढ़ता है।