गेहूं क्रय केन्द्र पर बिचौलियों और व्यापारियों का कब्जा

खबरें अभी तक। मिर्ज़ापुर  जनपद मैं 102 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं की खरीद की जा रही है जिसमें से 35 प्राइवेट समितियां भी खरीदारी कर रही हैं हालात यह है कि हर जगह किसानों का ही शोषण हो रहा है जहां सरकारी केंद्रों पर ₹35 कुंटल तक किसानों को कमीशन देना पड़ रहा है. तो वहीं प्राइवेट समितियों में बिना रजिस्ट्रेशन और कागज के गेहूं तोला जा रहा है दुबार स्थित एग्रो के केंद्र पर तो सीधे व्यापारी से ही गेंहू लिया जा रहा है तो वही मटियारी स्थिति प्राइवेट सीमित में बिना कागज के ही खरीद की जा रही है साथ ही ज्यादातर सेंटरों में खरीद बुक ही गायेब मिली.

हालत यह है की हर केन्द्रों पर निरिक्षण में कमियां मिल रही है परंतु कार्रवाई न होने से विचौलियों के हौसले बुलंद है। हर क्रय केन्द्रों पर किसानों की गेंहू खरीदारी कम की जा रही है जबकि बिचौलिओ की गेंहू की खरीददारी धड़ल्ले की जा रही है। वहीं छोटे छोटे किसानों को कभी बोरे के अभाव या कोई न कोई और बहाना बना दिया जा रहा है। जिससे आहत किसान मजबूरी में अपना गेंहू 1500 सौ से भी कम रुपयों में बेच रहे है विचौलिये किसानों के गेंहू खरीदकर धड़ल्ले से सेंटरों में बेच रहे हैं।कई दिनो से सेन्टर पर खडे है किसान नहीं खरीदा जा रहा है कुछ किसान अपना गेहू खुले अमान मे ऱख दिये है एक दो बार बारिश से भीग भी गया है किसान परेशान है।

इस बारे में जब जिलाधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसी शिकायत लालगंज और हलिया ब्लाक में मिल रही है और सबसे ज्यादा शिकायतें प्राइवेट समितियों की आ रही है जिस को संज्ञान में लेकर हमने टीम ने बना दी हैं और वह उन तीनों सेंटरों की एक-एक कर जांच करेगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी

सूत्रों की माने तो जनपद में 35 प्राइवेट समितियां है जिसमें से 18 समिति केवल एक व्यक्ति के ही नाम पर हैं तो आप खुद अंदाजा लगाइए की विभागीय मिलीभगत से जनपद में क्या खेल चल रहा है और केवल जांच के नाम पर ही सारे मामले को निपटा दिया जाता है जबकि कार्यवाही कोई नहीं होती आपको बता दें कि जनपद का हलिया लालगंज ब्लाक सबसे पिछड़ा है और सारी समितियां खासकर प्राइवेट यहीं पर सक्रिय हैं देखना होगा जिलाधिकारी की जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है और किसानों को इसका क्या लाभ मिलता है