कृषि विभाग के कर्मचारियों ने किया विरोध प्रदर्शन

खबरें अभी तक। जनपद कानपुर देहात के एक मामले ने जिले के अधिकारियों के अनुशासन और योग्यता की कलई खोल दी , सरकारी महकमों में अधिकारियों की गरिमा को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने ला दी, पूरे जनपद के कर्मचारियों को अनुशासन और पद की गरिमा को बनाए रखने का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारी ही जाहिल बनकर अपने अहोदे का दुरुपयोग करते नजर आये , और ये अधिकारी महोदय अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार व गाली गलौज पर भी आमादा हो जाते हैं , गालिया इतनी भद्दी होती हैं कि जिनका बखान करने में भी शर्म महसूस होती है , और जब मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में गया तो कृषि विभाग के उपनिदेशक अपने को फंसता देख कर्मचारियों से माफी मांगने से भी नहीं चुके और जबरन कर्मचारियों का रोका हुआ वेतन तत्काल प्रभाव से निकालने का आश्वासन भी दे दिया। ऐसे हैं जनपद के कृषि विभाग के उप कृषि निदेशक महोदय जिनको अपने पद की गरिमा का भी ख्याल नहीं।

ताजा मामला जनपद कानपुर देहात के मुख्यालय माती का है जहां पर आज जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जनपद के कृषि विभाग के कर्मचारियों ने अपने ही विभाग के उप कृषि निदेशक आर के तिवारी के व्यवहार से तंग आकर विरोध प्रदर्शन किया और उप कृषि निदेशक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की  , वहीं कर्मचारियों ने आरोप लगाया की उप कृषि निदेशक महोदय अपने अहोदे का दुरुपयोग कर हम लोगों पर जुल्म ढाते हैं और हम लोगो को प्रताड़ित करने के लिए कई माह का वेतन महोदय के निर्देश पर वेतन रोक लिया जाता है । जब पूरे मामले को लेकर महोदय के पास हम पहुंचते हैं तो महोदय हम लोगों को भद्दी-भद्दी और बेहूदा गालियां देकर भगा देते हैं । ऐसे में हम लोगों ने अपने अधिकारी से परेशान होकर जिलाधिकारी को पूरे मामले की जांच कर कार्यवाही करने का ज्ञापन दिया है अगर हम लोगों की मांगे पूरी नहीं हुई तो हम लोग क्रमिक अनशन करने को मजबूर होंगे।

वही मामला बिगड़ते देख उप कृषि निदेशक ने कर्मचारियों को बुलाकर दी गई गालियों के एवज में सभी के सामने माफी मांगी और रुके हुए वेतन को तत्काल प्रभाव से जारी करने का आदेश भी दिया और कर्मचारियों से कार्यवाही ना करने के लिए समझौते का प्रयास भी करते नजर आए।

बरहाल प्रदेश में मुख्यमंत्री महोदय अधिकारियों को अनुशासन और सद्भावना का पाठ पढ़ाते क्यों ही न नजर आते हो लेकिन वहीं जनपद के उप कृषि निदेशक मुख्यमंत्री के ठीक विपरीत कार्य करते नजर आए ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अनुशासन और गरिमा का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारी जब स्वयं में ऐसे होंगे तो कर्मचारियों का क्या हाल होगा ।