समीम हत्याकांड का जल्द होगा खुलासा, पुलिस की टीमें गहनता से जांच में जुटी

ख़बरें अभी तक। नूंह- समीम हत्याकांड का जल्द खुलासा होगा। पुलिस की टीमें लगातार समीम हत्याकांड को लेकर गहनता से जांच में जुटी हैं। एसपी नाजनीन भसीन ने कई दिन बाद समीम हत्याकांड पर पुलिस की कार्रवाई को मीडिया के माध्यम से जनता के सामने रखा। करीब सप्ताह भर पहले हुए समीम हत्याकांड और उसके दाह संस्कार को लेकर सोशल मीडिया से लेकर इलाके में खूब रोष देखने को मिला। रेस्ट हाउस नूंह में पंचायत कर कुछ मांगें समीम हत्याकांड में पंचायत ने एसपी नाजनीन भसीन के सामने रखी। साथ ही मामले में क़ानूनी कार्रवाई करने से लेकर कई अहम फैसले लिए गए। समीम हत्याकांड और दाह संस्कार को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हुए।

समीम हत्याकांड और दाह संस्कार के तरीके  को लेकर मंगलवार को  मेवात विकास सभा की अगुवाई में समाज के आम जन की एक पंचायत बुलाई गई। रेस्ट हाउस नूंह में हुई पंचायत की अध्यक्षता  मेवात विकास सभा के प्रधान सलामुदीन एडवोकेट  नोटकी ने की। समीम के दाह संस्कार को लेकर लोगों में काफी रोष देखा गया। पंचायत ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि  पुलिस ने एक मुस्लिम लड़के का दाह संस्कार किया जबकि उनको पता था कि लड़का मुस्लिम जाति से है। गत 22 अप्रैल  को जब समीम गायब होता है,  तो परिजन हथीन-तावडू थानों में अलग-अलग शिकायत  देते है, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है।

परिजन खुद एसपी नाजनीन भसीन को भी लिखित शिकायत देते है। 25 अप्रैल को लेकिन फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। कुछ दिन बाद गत  28 अप्रैल को मीडिया में मामला लावारिस लाश मिलने का सामने आता है। उस खबर के बाद जब गत  28 अप्रैल को ही परिजन रोजका मेव थाना पहुंचते है तो पता चलता है कि लाश का दाह संस्कार कर दिया गया है। परिजन सवाल करते है तो पुलिस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाती है।

इससे शक की सुई पुलिस की तरफ ही घूमने लगती है। घटना के प्रकाश में आने के बाद कई दिन तक सोशल मीडिया पर सुर्खियां बनी रहती हैं आख़िरकार लोग पुलिस कार्रवाई को लेकर ही नहीं बल्कि समीम को इंसाफ दिलाने के लिए समाजसेवी जागरूक लोग एकजुट होकर पंचायत करते हैं। पंचायत में पूरी कार्रवाई की जमकर आलोचना और निंदा की जाती है। हद तो तब हो गई जब भगवान कहलाने वाले पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरो ने भी जानबूझकर ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया और उन्होंने भी सबूत मिटाने का काम किया है।

पंचायत में इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित प्रस्ताव पास हुये। पंचायत में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, जिसमें निम्नलिखित बातों पर सहमति बन पाई। कुल मिलाकर पुलिस – डॉक्टरों की मुश्किलें इन मांगों की वजह से बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इसमें कोई लापरवाही नहीं होगी। एसआईटी का गठन कर दिया गया है। एसआईटी निष्पक्ष जांच करेगी। जो भी दोषी होगा, उसे किसी सूरत में बक्शा नहीं जायेगा। एसआईटी जल्दी से जल्दी रिजल्ट देने का काम करेगी। पुलिस मानती है कि कहीं न कहीं चूक हुई है। डेडबॉडी मुस्लिम युवक की है या हिन्दू की यह तय पुलिस और डॉक्टर भी नहीं कर पाए। पुलिस ने कुल दस लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, जिनमें से 8 पीपाका गांव के रहने वाले बताए जा रहे हैं। दरअसल 24 अप्रैल को अज्ञात शव पहाड़ों से मिलता है, जिसका 28 को नूंह श्मशान घाट में पहचान नहीं होने के कारण पुलिस दाह संस्कार कर देती है। उसके बाद युवक की पहचान समीम निवासी झांडा के रूप में होती है, तो बवाल मचना लाजमी है।