उबर कैब ड्राइवरों पर फिर यौन उत्पीड़न का मामला आया सामने

ख़बरें अभी तक। नई दिल्लीः उबर नाम की कंपनी जो लोगों को एप के जरिए कैब सर्विस देती है उसके बारे में चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिसमें एक अंग्रेजी वेबसाइट सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 100 से अधिक उबर और लिफ्ट ड्राइवरों ने यात्रियों का यौन उत्पीड़न किया है. अमेरिका में पुलिस रिपोर्टों, फेडरल कोर्ट और काउंटी कोर्ट डेटाबेस को देखने के बाद वेबसाइट ने पाया कि पिछले चार वर्षों में, कम से कम 103 उबर ड्राइवर और 18 लिफ्ट चालकों ने कथित तौर पर यात्रियों को जबरन छुआ और उनका अपहरण  किया गया है.

उबर और लिफ्ट से प्रतिदिन लाखों लोग सवारी करते हैं. जैसे ही लोगों के बीच यह कैब्स मशहूर होती गई वैसे ही आए दिन उबर ड्राइवरों द्वारा यात्रियों पर हमले की खबरें बढ़ती गई. वहीं उबर और लिफ्ट दोनों ने इस तरह के आरोपों पर कोई डेटा जारी करने से इंकार कर दिया है।

वहीं कैलिफ़ोर्निया, कोलोराडो, मैसाचुसेट्स और टेक्सास समेत कुछ राज्यों ने पहले से ही उबेर और लिफ्ट के खिलाफ जांच शुरु कर उन पर आरोप लगाया था कि कंपनियां ड्राइवर रखने से पहले अच्छी तरह से छानबीन नहीं करती हैं. उबर और लिफ्ट दोनों अपनी पृष्ठभूमि जांच करने के लिए चेकर नामक एक थर्ड-पार्टी स्क्रीनिंग कंपनी का इस्तेमाल करते हैं. चेकर राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय डेटाबेस के आधार पर सात वर्षीय आपराधिक इतिहास की जांच कर सकती है. यह राष्ट्रीय सेक्स अपराधी सार्वजनिक वेबसाइट और अन्य डेटाबेस भी देखती है।

उबर कंपनी पर यौन हमले के खिलाफ कम से कम तीन मुकदमे दायर किए गए हैं. पहले उबर ने 2015 में जेन डोस द्वारा किए गए मुकदमे को निपटाया फिर 2015 में कंपनी पर एक और मुकदमा चला जिसमें भारत की एक महिला ने उबेर चालक पर बलात्कार का आरोप लगाया और लॉस एंजिल्स में रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाया कि उबेर चालक ने कार में सोते समय उस पर हमला किया और फिर उसे घर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया

वहीं महिलाओं के वकीलों का कहना है कि कंपनी का ड्राइवरों को लेकर जांच-पड़ताल अधूरी है. उबेर को ड्राइवर रखने से पहले जांच का तरीका बदलना होगा और यौन उत्पीड़न और हमलों के संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए।