बच्चियों के साथ रेप को लेकर सज़ा पर सरकार कर रही है विचार

खबरें अभी तक। भारत में हर दिन बलात्कार की वारदात बढ़ती ही जा रही है जिसपर रोक लगाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करने में लगी है. जम्मू के कठुआ में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना से पूरा देश गुस्से से उबल रहा उबल रहे देश की भावनाओं को परखते हुए सरकार ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा का कानून ला सकती है। खुद केंद्रीय महिला कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने स्पष्ट किया कि सरकार बाल यौन उत्पीड़न संरक्षण कानून (पोक्सो) में संशोधन लाएगी। इसके प्रति गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जरूरत हुई तो अध्यादेश भी आ सकता है।

पता होगा कि हरियाणा, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार पहले ही कानून पास कर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के जुर्म में फांसी की सजा का प्रावधान कर चुकी हैं। लेकिन पोक्सो केन्द्रीय कानून है और केन्द्रीय कानून मे संशोधन होने के बाद यह व्यवस्था पूरे देश में लागू हो जाएगी।

कठुआ की घटना से अफसोस जताते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि वे इस घटना से बेहद आहत हैं। यही नहीं हाल की सभी दुष्कर्म की घटनाओं ने उन्हें परेशान किया है। उन्होंने कहा ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पोक्सो कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान करने पर विचार कर रहा है।’ पोक्सो में बच्चों के हर तरह के यौन उत्पीड़न और बाल पोर्नोग्राफी में दंड के प्रावधान हैं। इसके अलावा इस कानून में ऐसे मुकदमों के ट्रायल के लिए चाल्इड फ्रैंडली सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि कानून पर मंथन चल रहा है। कानून को संशोधित करने का ड्राफ्ट तैयार हो रहा है। कानून मंत्रालय के साथ परामर्श किया जा रहा है। काफी तेजी से चल रहा है। काम की जो रफ्तार है उससे लगता है कि एक डेढ़ सप्ताह में पोक्सो कानून में संशोधन का मसौदा फाइनल करके कानून मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। कानून मंत्रालय से मसौदा मंजूर होने के बाद सरकार संसद सत्र न होने पर इस बारे में अध्यादेश भी ला सकती है।