हंगामे की भेंट चढ़ा लोकसभा का 18वां दिन, आगे नहीं बढ़ सका अविश्वास प्रस्ताव

खबरें अभी तक। बजट सत्र के दूसरे चरण में लोकसभा में सोमवार (2 अप्रैल) को लगातार 18वें दिन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता जताते हुए कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी. सदन में शोर-शराबे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे फिर से आरंभ हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. हंगामे के बीच सरकार के कई मंत्रियों ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखे.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने को कहा. उन्होंने कहा कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव के कई नोटिस आए हैं और सदन में व्यवस्था होने तक इस पर चर्चा करा पाना संभव नहीं है. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी अन्नाद्रमुक के सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की और कहा कि सरकार अविश्चास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पूरे भारत के लोगों का विश्वास हासिल है.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ‘प्रायोजित व्यवधान’ के जरिए चर्चा से भाग रही है. गौरतलब है कि खड़गे ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे रखा है. खड़गे ने अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले और विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक होने का मुद्दा उठाया. अनंत कुमार ने कहा कि मोदी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है तथा मौजूदा कानून के सभी प्रावधान बरकरार रहने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालय के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर कर रही है.

इस, बीच अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी. वे ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी डिमांड कावेरी बोर्ड’ के नारे लगा रहे थे. सदन में हंगामा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले सोमवार को सुबह अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी. तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्यों ने भी अपने स्थानों पर खड़े होकर विरोध दर्ज कराया जो बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं. वे हमेशा की तरह पीली पट्टिका डाले हुए थे और आज (सोमवार, 2 अप्रैल) काली पट्टी भी पहने हुए थे.