खबरें अभी तक। हरियाणा में बिजली कर्मी और इंजीनियरों ने बिजली संशोधन बिल 2014 और नेशनल पेंशन स्कीम के विरोध में अपनी आवाज उठाने का फैसला किया है। इस मामले को लेकर सभी कर्मी 3 अप्रैल को संसद का घेराव करेंगे।
इस दौरान नेशनल को-ऑर्डिनेशन इंम्लाइज एंड इंजीनियर के आह्वान पर ये प्रदर्शन किया जाएगा। इस मामले को लेकर इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्टीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व सचिव नरेश कुमार ने बताया कि बिजली कानून 2003 के बाद जो नीतिया लागू की गई। उसकी वजह से बिजली वार्डो का घाटा व कर्जा 30 हजार करोड़ से बढ़कर 9 लाख करोड़ हो गया है।
उनका कहना है कि सरकार आउटसोर्सिंग की नीतियों पर लगाम लगाने के बजाय एनडीए सरकार बजट सत्र में बिजली संशोधन बिल 2014 को पारित करवाकर वितरण प्रणाली को भी निजी हाथों में सौंपना चाहती है।
जिसकी वजह से सब्सिडी, क्रॉस सब्सिडी खत्म होने के बाद गरीब लोगों तक बिजली पहुंचना बंद हो जाएगी। वहीं हजारों कर्मियों की मेहनत से बनाए गए ढांचे का इस्तेमाल निजी बिजली कंपनिया अपने फायदे के लिए करेंगी। वहीं अगर ऐसा हुआ तो कर्मियों की छटनी भी शुरू हो जाएगी। क्योकि अगर वितरण प्रणाली निजी हाथों में रहेंगी तो सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर तो तलवार लटकेगी ही।