ईरान के पूर्व विदेश मंत्री ने पाकिस्‍तान को चाहबार पर दिखाया आईना

चाहबार प्रोजेक्‍ट को बार-बार पाकिस्‍तान-चीन के बीच बन रहे आर्थिक गलियारे के प्रतिद्वंदी परियोजना के रूप में पेश किए जाने पर ईरान के पूर्व विदेश मंत्री कमाल खराजी ने ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि यह सीपैक की प्रतिद्वंदी योजना नहीं है बल्कि ईरान को आर्थिक तौर पर मजबूत करने वाला और उसकी अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने वाला प्रोजेक्‍ट है। उनके मुताबिक इससे ईरान के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने पाकिस्‍तान इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स द्वारा आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेंस के दौरान यह बात कही। इस मौके पर पूर्व राजनयिक समेत वरिष्‍ठ पत्रकार भी मौजूद थे। आपको बता दें कि यह इंस्टिट्यूट पाकिस्‍तान की विदेश नीति के लिए बतौर थिंक टैंक माना जाता है।

भारत को नहीं दिए गए चाहबार के एक्‍सक्‍लूसिव राइट्स 

 कमाल ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत ने चाहबार प्रोजेक्‍ट में काफी निवेश किया है। इसके बाद भी इस प्रोजेक्‍ट के एक्‍सक्‍लूसिव राइट्स भारत को नहीं दिए गए हैं। यह इस क्षेत्र के सभी देशों के लिए है और सभी देश इसमें भागीदार बन सकते हैं। इस प्रोजेक्‍ट का मकसद ईरान को मध्‍य एशिया से जोड़ना और अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती प्रदान करना है। उन्‍होंने सीधेतौर पर इस बात का खंडन किया कि यह प्रोजेक्‍ट चीन पाक के बीच बनने वाले सीपैक को चुनौती देने के लिए बनाया गया है।