शुतुरमुर्गों का फिर से प्रजनन। यह ख्याल आप सबको चौंका सकता है, किंतु वास्तविकता यही है। जी हां, आज के अफ्रीकन शुतुरमुर्ग भारतीय शुतुरमुर्गों के ही वंशज हैं। अब कहेंगे, वह कैसे तो जान लीजिए कि एक अध्ययन में सामने आया है कि आज से 25000 वर्ष पहले तक शुतुरमुर्ग भारत में थे। इनका भारत की धरती पर उद्भव करोड़ों वर्ष पूर्व हुआ था और भारी जलवायु व पारिस्थिति की परिवर्तन के चलते ये नष्ट हो गए।
हैदराबाद स्थित मालेक्यूलर बायोलोजी व डीएनए रिसर्च इंस्टीटयूट के प्रधान वैज्ञानिक रहे और अब बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आफ पैलिआन साइंस, लखनऊ में कार्यरत मऊ जिले के थलईपुर गांव निवासी डॉ. नीरज राय ने इसे अपने शोध में साबित कर दिया है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश व गुजरात में खोदाई के दौरान मिले विशालकाय अंडों के डीएनए रिसर्च से इस बात की पुष्टि हुई है। यह भी साबित हुआ कि इन अंडों के डीएनए अफ्रीकन शुतुरमुर्ग के अंडों से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक भारत में भी शुतुरमुर्गों के विकास की संभावनाओं पर काम करने में जुट गए हैं।