महाघोटाले मामले में सी.आई.डी. ने की पहचान, जल्द ही गिरफ्तार

खबरें अभी तक।  इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के महाघोटाले मामले में कंपनी की पांवटा स्थित फैक्टरी से कबाड़ चोरी करने वालों की सी.आई.डी. ने पहचान कर ली है, ऐसे में जांच एजैंसी जल्द ही चोरी की वारदात को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार करेगी। इसके साथ ही करोड़ों रुपए के घोटाले में आबकारी एवं कराधान विभाग के 2 से 3 तत्कालीन अधिकारी भी सी.आई.डी. के जांच दायरे में चल रहे हैं, ऐसे में संबंधित अधिकारियों को भी जल्द पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। जांच एजैंसी की छानबीन में यह खुलासा हो चुका है कि वर्ष 2014 में बंद हो जाने के बाद किस तरह से फैक्टरी की मशीनरियों को ठिकाने लगाया गया।

पूरी साजिश के साथ निकाला गया कबाड़
सूत्रों के अनुसार पूरी साजिश के साथ फैक्टरी की मशीनें और कबाड़ को सुरक्षा कर्मियों के घेरे से बाहर निकला गया। सी.आई.डी. फैक्टरी का अहम रिकार्ड जलाने के मामले में भी जांच-पड़ताल कर रही है। सी.आई.डी. का दावा है कि कंपनी के कई सबूतों को फैक्टरी के अंदर ही नष्ट करने की कोशिश की गई है। स्टेट सी.आई.डी. के डी.आई.जी. विनोद कुमार धवन ने बताया कि मामले की जांच के तहत कई तथ्य सामने आए हैं।

फर्जी उत्पादन दिखाकर लगाया चूना
कंपनी फर्जी उत्पादन दिखाकर बैंकों को चूना लगाती रही। बैंकों से करोड़ों का लोन फर्जी उत्पादन के सहारे ही लिया गया। कंपनी ने टैक्स भी नहीं चुकाया। भगौड़ा कंपनी के कत्र्ताधर्ताओं ने विभिन्न बैंकों को भी करीब 4100 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। सी.आई.डी. ने मामले की जांच के तहत अभी तक कंपनी के एक निदेशक को गिरफ्तार किया है। निदेशक का जमीन की खरीद-फरोख्त के फर्जीवाड़े में भी हाथ होने की बात सामने आई है। सी.आई.डी. कंपनी करीब साढ़े 4 करोड़ के बिजली घोटाले की जांच पूरी कर चुकी है, ऐसे में आगामी सप्ताह इस मामले में चालान पेश कर दिया जाएगा। इस मामले में जांच एजैंसी ने पूर्व में एक गिरफ्तारी भी की थी।