कमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने को लेकर विवाद बढ़ने लगा है। स्पीड गवर्नर लगाने वाली कंपनी रोजमार्टा का नया मामला सामने आया है। गुजरात सरकार ने 29 जुलाई 2017 में इस कंपनी पर बैन लगाकर स्पीड गवर्नर लगाने से मना कर दिया था।
इससे पहले 19 जुलाई और 5 जून 2017 के कंपनी को नोटिस थमाया देकर स्पीड गवर्नर के लिए जमा कराए गए स्र्पयों के संबंध में भी पूछताछ की गई थी। इससे पहले ही कंपनी ने मप्र में स्पीड गवर्नर लगाने का काम शुरू कर दिया था। वर्ष 2016 से मप्र में काम कर रही यह कंपनी लगातार वाहन मालिकों के परेशानी का सबब बनी हुई है। परिवहन विभाग इस मुद्दे का कोई स्थाई हल नहीं निकाल पा रहा है।
वर्तमान में रोजमार्टा और गोदावरी नाम की दो कंपनियां स्पीड गवर्नर लगा रही हैं। इनमें से रोजमार्टा ने करीब 1600 और गोदावरी ने 325 तरह के स्पीड गवर्नर बेंचने के लिए कांट्रेक्ट लिया था।