फर्जी मालिक बनकर जमीन की रजिस्ट्री की अपने नाम

खबरें अभी तक। पुलिस थाना इंदौरा के अंतर्गत फर्जी गवाहों व फर्जी मालिक बनकर जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवाने का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें शिकायतकर्ता ने पुलिस थाना इंदौरा में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। मामले के संदर्भ में जानकारी देते हुए एस.डी.पी.ओ. नूरपुर नवदीप सिंह ने बताया कि रमेश पठानिया पुत्र धर्म सिंह निवासी रैहन ने प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकेपिता वर्ष 1967 में रैहन चले गए थे और तब से वे परिवार सहित वहीं रह रहे थे जबकि उनके पुश्तैनी गांव जमगल स्थित दीणी तहसील इंदौरा जिला कांगड़ा में मिलकियती भूमि थी जहां वे वर्ष 1967 से पहले रहा करते थे लेकिन उनके ही रिश्तेदार 2 भाइयों जरनैल सिंह व सुरेंद्र सिंह पुत्र केहर सिंह निवासी जमगल ने 19 जनवरी, 2007 को राजस्व विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से खाता संख्या 33 खतौनी 42, खाता संख्या 35 खतौनी 46 से 59 कनाल रकबा जमीन एवं खाता संख्या 53 खतौनी 61 महाल जमगल मौजा दीणी से 26 मरला भूमी धोखाधड़ी करते हुए अपने नाम करवा ली।

पिता की मौत के बाद चला फर्जीवाड़े का पता
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मामले के कथित आरोपियों ने फर्जी गवाह व फर्जी मालिक दिखाकर, फोटो एडिटिंग से उनके पिता की फोटो लगाकर राजस्व विभाग की मिलिभगत से रजिस्ट्री भी करवा ली जबकि उस समय शिकायतकर्ता के पिता जो भूमि के मालिक थे, उनकी उस समय आयु 93 वर्ष थी और वह चलने-फिरने में असमर्थ थे और ऐसी कोई रजिस्ट्री उन्होंने नहीं करवाई। शिकायतकर्ता को उक्त कथित फर्जीवाड़े का पता वर्ष 2016 में उसके पिता की 103 वर्ष की उम्र में मृत्यु के बाद चला। जब शिकायतकर्ता उक्त महाल के पटवारी के पास अपनी पुश्तैनी मलकियती भूमि को अपने परिवार के नाम करवाने आया तो पटवारी ने बताया कि उनकी जमीन तो उनके उक्त रिश्तेदारों के नाम वर्ष 2007 में ही रजिस्ट्री हो चुकी है, जिस पर शिकायतकर्ता ने मामला दर्ज करवाया है।

तहसीलदार सहित कई अन्य आएंगे जांच के घेरे में
उक्त मामले को लेकर जिस तरह के फर्जीवाड़े के आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए हैं, ऐसे में राजस्व विभाग के कई कर्मचारी व अधिकारी जांच के घेरे में आएंगे। मामले में पटवारी, कानूनगो, फील्ड कानूनगो, नंबरदार सहित वर्ष 2007 में इंदौरा में तैनात तहसीलदार व रजिस्ट्री करवाने में शामिल गवाह भी जांच के घेरे में आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो जिस तरह से यह मामला सामने आया है, इस तरह की फर्जी रजिस्ट्रियों के कई मामले दबे पड़े हैं, जिनमें फर्जी रजिस्ट्रियां कर न केवल पंजाब के लोगों के झूठे कृषक प्रमाण पत्र बनाकर भूमि फर्जीवाड़े किए गए हैं बल्कि कई स्थानों पर राजस्व विभाग की मिलीभगत से जमीन का औसत मूल्य कम लगाकर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा चुका है, जिनमें पैसे का मोटा लेनदेन बताया जा रहा है।

मामले में गहनता से होगी जांच : एस.पी.
एस.पी. कांगड़ा  संतोष पटियाल ने बताया कि फर्जी रजिस्ट्री का एक मामला पुलिस थाना इंदौरा में दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 एवं 120बी के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। मामले में गहनता से जांच की जाएगी।