ट्विटर पर क्रिप्टोकरेंसी के एड बैन करने के बाद 7 फीसद टूटकर 8,000 डॉलर के नीचे आया बिटकॉइन

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर क्रिप्टोकरेंसी के एड बैन किए जाने का असर साफतौर पर देखा गया। इस फैसले के बाद बिटकॉइन 7 फीसद की गिरावट के साथ 8000 डॉलर से भी नीचे आ गया। 26 मार्च को दोपहर 3 बजे बिटकॉइन 7,886 डॉलर पर कारोबार करता दिखा। वहीं 28 मार्च दोपहर 2 बजे तक यह 7,895 के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। ट्विटर ने सोमवार को घोषणा की थी कि वो क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी के एड पर इसी तरह का बैन गूगल और फेसबुक की ओर से लगाया जा चुका है जिसने बिटकॉइन को नुकसान पहुंचाया है।

फेसबुक की घोषणा से भी टूटा था बिटकॉइन: बिटकॉइन में इस तरह की गिरावट इस साल की शुरूआत में इसी तरह की घोषणा के बाद देखने को मिली थी। बिटकॉइन में इस साल की शुरुआत में उस वक्त 12 फीसद की गिरावट देखने को मिली जब फेसबुक जो कि विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन एड प्रोवाइडर है ने यह घोषणा की थी कि वो उन सभी विज्ञापनों पर रोक लगाएगा जो क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देते हैं। ताकि इस तरह के उत्पाद जिन्हें वित्तीय उत्पाद और सेवाएं बताकर बेचा जा रहा है और भ्रामक प्रचार किया जा रहा है इसे रोका जा सके।

क्या है बिटकॉइन: बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) जैसी है जिसे एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। साल 2017 में बिटकॉइन ने 19,000 डॉलर का रिकॉर्ड हाई छुआ था।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि पहली बात यह है कि बिटकॉइन कोई करेंसी नहीं है। करेंसी की परिभाषा के मुताबिक किसी भी देश की मुद्रा में कुछ की हफ्तों के भीतर दोगुने और तीन गुने तक का उछाल नहीं आता है, क्योंकि मुद्रा स्थिर होती है और इसका इस्तेमाल लेन-देन में किया जाता है। बिटकॉइन हाल ही में 11000 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था और वो इसके बाद गिरकर 9000 डॉलकर पर आ गया। हालांकि कुछ दिन बाद ही इसने 18000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। किसी भी मुद्रा में इस तरह का उतार-चढ़ाव नहीं आता है। ऐसी अस्थितरता सामान्यतया: किसी निवेश विकल्प में ही आ सकती है।