बंधन बैंक लिस्ट होते ही बन गया सातवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक, जानिए अन्य बड़ी बातें

मंगलवार को बंधन बैंक के शेयर्स 33 फीसद प्रीमियम के साथ लिस्ट हो गए। इस लिस्टिंग के साथ ही बंधन बैंक मार्केट कैप के मामले में भी बड़े बैंकों में शुमार हो गया है। आपको बता दें कि बंधन बैंक के सीईओ और एमडी चंद्रशेखर घोष ने वर्ष 2009 में बंधन को नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में पंजीकृत कराया था। हम अपनी इस खबर में आपको बंधन बैंक से जुड़ी बड़ी बातें बताने जा रह हैं।

बंधन बैंक के शेयर की लिस्टिंग के बाद इसकी मार्केट वैल्यू 60,000 करोड़ रुपये हो गई है। यह वैल्यू एसबीआई को छोड़ अन्य सभी सरकारी बैंकों से ज्यादा है। इस लिहाज से बंधन बैंक ने 21 सरकारी बैंकों को पछाड़ दिया है।

निजी बैंकों के मार्केट कैप के लिहाज से बंधन बैंक सातवां बड़ा बैंक है। इस सूची में पहले बैंक एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, महींद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और यस बैंक है।

बंधन को नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में पंजीकृत कराने के बाद वर्ष 2014 में बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने वाला पहला माइक्रोफाइनैंस इंस्टिट्यूशन बन गया था। वर्ष 2015 से बंधन बैंक ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था।

चंद्रशेखर घोष ग्रेटर त्रिपुरा के एक गांव में वर्ष 1960 में जन्मे थे। अपने शुरुआती जीवन में उन्होंने दूध बेचकर अपना खर्चा चलाया था। घोष ने 1978 में ढाका यूनिवर्सिटी से स्टैटिस्टिकिस में एमए के बाद एक इंटरनेशनल डेवेलपमेंट नॉन प्रॉफिट ऑर्गैनाइजेशन BRAC ज्वाइन किया था। BRAC बांग्लादेश की गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करता है।

असल में BRAC में काम के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि बेहद गरीबी उन महिलाओं का जीवनस्तर और खराब कर देदेती है जिनके पति उनसे ठीक व्यवहार नहीं करते थे। इससे उन्हें ज्ञात हुआ कि महिलाएं अपना जीवनस्तर थोड़ी सी वित्तीय सहायता मिलने से भी सुधार सकती हैं।