5जी तकनीक में सभी देशों से आगे निकलेगा भारत, जून तक तैयार होगा रोडमैप

जून तक 5जी तकनीक के कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार कर सरकार वायरलेस संचार की दुनिया में दूसरे देशों से आगे निकलने का प्रयास करेगी। इसमें सरकार ने उद्योग जगत से मदद देने का आग्रह किया है। केंद्रीय दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि 2जी, 3जी और 4जी के मामले में भारत ने देर से शुरुआत की थी। लेकिन 5जी के मामले में वह आगे रहना चाहता है। दूरसंचार सचिव यहां सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (सीओएआइ) द्वारा 5जी तकनीक पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि 5जी तकनीक न केवल मोबाइल ब्रॉडबैंड को अधिक स्पीड प्रदान करती है बल्कि मिशन के लिहाज से महत्वपूर्ण सेवाओं के संचालन और विशाल स्तर पर इंटरनेट सुविधाओं की स्थापना में भी अत्यंत सहायक है। इसलिए 5जी का रोडमैप तैयार करने के लिए सरकार ने वैश्विक विशेषज्ञों, उद्योग के जानकारों, आइआइटी और आइआइएससी के पेशेवरों को मिलाकर एक उच्चस्तरीय मंच बनाया है। इस मंच ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। चर्चाओं के कई दौर पूरे हो चुके हैं। जून तक 5जी का पूरा रोडमैप तैयार हो जाएगा। फोरम 5जी के विजन और लक्ष्यों के अलावा स्पेक्ट्रम नीति, नियामक तंत्र तथा पायलट कार्यक्रमों पर भी विचार-विमर्श कर रहा है।

दूरसंचार सचिव ने कहा कि 5जी से देश में परिवर्तनकारी क्षमताओं के सृजन के अलावा नेटवर्क वर्चुअलाइजेशन, क्लाउड और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा। हालांकि पता नहीं कि 5जी को अगली पीढ़ी की तकनीक कहना सही है या नहीं। परंतु इतना तय है कि इससे अगले दौर की परिवर्तनकारी क्षमताएं सृजित होंगी।