पर्यटकों को आकर्षित करने वाली नगरी में विकास का कोई नामो निशान नहीं

खबरें अभी तक। उत्तराखंड को पर्यटन प्रदेश बनाने के लिए 17 साल में सभी सरकारें दावा करती रही हैं. लेकिन या तो यह दावे झूठे रहे हैं या ईमानदारी से कोशिश नहीं की गई है. दशकों से देश भर से पर्यटकों को आकर्षित करने वाली पर्यटन नगरी और पहाड़ों की रानी मसूरी में राज्य बनने के बाद से एक भी पर्यटक स्थल का विकास नहीं हुआ है. जो पर्यटक स्थल शहर में मौजूद हैं, उनकी हालत भी खस्ता बनी हुई है.

हर साल बीस लाख से अधिक सैलानी मसूरी में घूमने आते हैं. यहां देखने के लिए सिर्फ़ मालरोड और कंपनी गार्डन हैं. इनमें जाने के बाद पर्यटक मायूस होकर वापस लौट जाता है. अंग्रेजों के ज़माने के पर्यटक स्थल भट्टा फॉल और ऐतिहासिक जार्ज एवरेस्ट हाउस की बात करें तो दोनों पर्यटक स्थलों में बिजली, पानी, सड़क सहित खाने की कैंटीन की सुविधा तक नही हैं.

नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल कहते हैं कि पर्यटन मंत्री ने दावा किया था पर्यटक स्थलों में सुविधाओं को बढ़ाने का काम किया जाएगा. लेकिन सिर्फ दावे किए गए, काम नहीं हुए.

उत्तराखंड की सबसे मशहूर पर्यटन नगरी होने के बाद भी सरकार मसूरी में पर्यटन सुविधा बढ़ाने में नाकाम रही है. मसूरी के पर्यटक स्थल भट्टाफॉल और जार्ज एवरेस्ट हाउस में सुविधाओं का अकाल पड़ा है. पर्यटक स्थलों में बिजली, पानी, सड़क और खाने की कैंटीन तक नहीं है.

ऐसे में स्वाभाविक सवाल यह है कि ऐसे पर्यटक स्थलों में पर्यटक आएंगे भी क्यों? और ऐसै कैसे बनेगा उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश?