ग्रामीणों ने फोर्टीफाइड आटे का किया बहिष्कार

खबरें अभी तक।  हरियाणा सरकार द्वारा गेहूं की जगह फोर्टीफाइड आटे देने की योजना का बराड़ा के ग्रामीणों ने बहिष्कार किया है। आटे को डिपू होल्डर को वापस करते हुए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब हमने इस आटे की रोटियां बनाई तो आटा रबड़ बन जाता है और आटे का रंग भी काला है। जिसको खाकर वे और उनके बच्चे बीमार हो गए।

गांव की औरतों ने आटे को डिपू होल्डर को वापिस करते हुए  बताया कि सरकार कह रही है ये आटा विटामिनों से भरपूर है और ये शरीर के पोषक तत्व को पूरा करता है। लेकिन जब हमने इस आटे की रोटियां बनाई तो आटा रबड़ बन जा रहा है।

फूड इंस्पेक्टर संदीप ने बताया की जो सरकार द्वारा फोर्टीफाइड आटे की  प्रणाली चलाई गई है। बराड़ा और नारायणगढ़ में यह एक अच्छा आटा है जो विटामिनों से भरपूर है। बराड़ा गांव की लगभग 40 औरतों ने शिकायत की है कि उन्हें ये आटा नहीं लेना ये उनके लिए ठीक नहीं है। फिलहाल आटे का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।

महिलाओं का कहना है कि हम मजदूरी करने वाले हैं यदि हमारे परिवार से किसी को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, इस लिए हमारी सरकार से मांग है कि हमे अगले मंथ से इस आटे की जगह गेंहू दी जाए।