फेक कॉल्स ​​सुनते-सुनते पुलिसकर्मियों के पके कान

खबरें अभी तक।  अक्सर पुलिस कण्ट्रोल रूम में ​फेक कॉल्स ​​सुनते-सुनते कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मियों के कान पक जाते थे। जरूरतमंद ​लोगों ​को लाइन बिजी होने के चलते समय पर पुलिस सहायता ​मिलने में देरी हो जाती ​​थी। अब ऐसा बिल्कुल नहीं होगा, ​क्योंकि ​​सिरसा पुलिस ​कंट्रोल रूम में अब ​​इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (IVRS) ​लगा ​​दिया ​गया ​है। अब पुलिस सहायता के लिए 100 नंबर के बाद ऑप्शन में 1 दबाना होगा। यह सिस्टम पिछले कुछ दिनों से ​शुरू हुआ ​है। इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ​अक्सर व्यस्त रहने वाला कंट्रोल रूम का फोन पहले की तुलना में आसानी से मिल पाएगा।

दरअसल पहले 100 नंबर को डाइल करते  ही सीधे कंट्रोल रूम में घंटी बजती थी व ऑपरेटर फोन उठाता था। इस दौरान कई लोगों से गलती से 100 नंबर डायल हो जाने पर सीधा फोन जाता था। इस समस्या से निजात पाने के लिए अब सिरसा पुलिस ने कण्ट्रोल रूम में आईवीआरएस सिस्टम लगाया है। अब कंट्रोल रूम में सीधी घंटी जाने की बजाय पहले कंप्यूटर बोलेगा उसके बाद कस्टमर केयर की तरह कम्प्यूटर आपसे कहेगा कि पुलिस सहायता के लिए 1 दबाएं जैसे ही आप 1 का बटन दबाएंगे तो तुरंत ही कंट्रोल रूम में फोन जाएगा।

सिरसा के एएसपी नरेंदर बिजराणियां ने बताया की इस को सिस्टम शुरु होने से पहले 24 घंटे में ढाई हजार तक कॉल आती थी। अब ये कॉल 150 से 200 रह गई हैं। इसमें से भी करीब 50 ऐसी होती हैं, जिन पर एक्शन लेने के लिए पुलिस की जरूरत होती है। इस सिस्टम के बाद से अब फेक कॉल बंद हो गई है, लोगों को भी अब 100 नंबर बिजी नहीं मिलता। पुलिस की सुविधा भी हुई है अब पुलिस लोगों से आसानी से फीडबैक ले सकती है, पहले इतनी अधिक कॉल आने की वजह से फीडबैक लेना मुश्किल हो जाता था।