सरकार ने शुरू की शत्रु संपत्तियां बेचने की प्रक्रिया, तीन महीने में सूची तैयार करने का आदेश

मोदी सरकार ने एक झटके में अपने खजाने में एक लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का इजाफा करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर 9,400 से अधिक ‘दुश्‍मन संपत्तियों’ के मुद्रीकरण की प्रकिया शुरू कर दी है। सरकार ने इन चल और अचल शत्रु संपत्ति का रख रखाव करने वाले कस्टोडियन को तीन महीने के भीतर ऐसी संपत्तियों की सूची जमा करने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्रालय ने भी जिला स्‍तर पर एक मूल्‍यांकन समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्‍व जिला मजिस्‍ट्रेट और एक अंतर मंत्रीय निपटान समिति करेगी। इसका अध्‍यक्ष एक अतिरिक्‍त सचिव होता है, ताकि प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके।

केंद्र सरकार द्वारा यह कदम दुश्मन संपत्ति (संशोधन और मान्यकरण) अधिनियम 2017 और दुश्मन सम्पत्ति (संशोधन) नियम 2018 के बाद उठाया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि विभाजन के दौरान पाकिस्तान और चीन जाकर बसने और वहां की नागरिकता लेने वालों के उत्तराधिकारियों के पास संपत्ति का कोई दावा नहीं होगा, जो वे पीछे छोड़कर भारत में गए हैं। पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा 9,280 संपत्तियां छोड़ी गई हैं और चीनी नागरिकों की 126 संपत्तियां पीछे छूट गई थीं। अभी इन सभी शत्रु संपत्तियों की देख-रेख कस्टोडियन करता है, जो केंद्र सरकार के तहत स्थापित एक कार्यालय। गृह मंत्रालय ने कहा कि कस्‍टोडियन को तीन महीने के भीतर ऐसी संपत्तियों की सूची सौंप देनी चाहिए।