हरियाणा में अब होगी सहकारी खेती, छोटे किसानों पर सरकार का ध्‍यान

हरियाणा सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों से भी आगे बढ़कर किसान कल्याण के लिए काम करेगी। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार रोहतक में आयोजित तीसरे एग्रो लीडरशिप समिट के उद्घाटन मौके पर राज्यभर से आए किसानों को उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार की योजनाओं से अवगत कराया। मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार कम भूमि वाले किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी।

उन्‍होंने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा के माध्यम से छह हजार से अधिक तालाबों से सूक्ष्म सिंचाई की योजनाएं तैयार कर रही है। इसके लिए एक किसान कम से कम पांच एकड़ में खेती करे तथा दो किसान 10 एकड़ में, ऐसे प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। गांवों के 14 हजार तालाबों में से 6 हजार पानी से लबालब रहते हैं। इन लबालब तालाबों के पानी को सूक्ष्म ङ्क्षसचाई के लिए उपयोगी बनाया जाएगा तथा वहां नहरी पानी को शोधित कर पीने योग्य बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसान कोई भी फसल बोये उसकी भरपाई के नियम बनाए जाएंगे और किसान को नुकसान होने से बचाया जाएगा। चार सब्जियों गोभी, आलू, टमाटर, प्याज के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान को जोखिम फ्री बनाने के लिए जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई, वहीं राज्य सरकार किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन करने जा रहा है। इसका कार्य किसानों को जोखिम फ्री करने का रहेगा।