फेसबुक और गूगल पर टैक्स लगाने की तैयारी में यूरोपियन यूनियन, पॉलिसी मेकर्स ने दिया सुझाव

यूरोपियन यूनियन (ईयू) के नीति निर्माताओं ने बुधवार को गूगल और फेसबुक जैसी तकनीकी दिग्गज कंपनियों पर एक नए टैक्स लगाए जाने की पेशकश की है। हालांकि फिलहाल ईयू की ओर से ऐसा प्रस्ताव रखा गया है। इस नए टैक्स के जरिए ईयू को 6.2 बिलियन डॉलर की कमाई हो सकती है। नीति निर्माताओं का मानना है कि यह कंपनियों की ओर से की जाने वाली कमाई पर एक वाजिब तरीके से कर लगाने का माध्यम है।

यह प्रस्ताव उन कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा देगा जो डिजिटल कारोबार करती हैं और उनके पास भारी तादात में यूजर्स और कस्टमर्स हैं। जबकि इससे उन देशों को फायदा होगा जिनको इनसे कम राजस्व हासिल होता है। हालांकि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कई दौरों की स्वीकृति से होकर गुजरना होगा और यह यूरोप और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव को बढ़ाने का काम करेगा।

यूरोपीय संघ के शीर्ष आर्थिक और कर अधिकारी पियरे मॉस्कोविसी ने बताया, “डिजिटल क्रांति ने अर्थव्यवस्थाओं को उलटकर रख दिया है। आपका बस एक क्लिक वाणिज्यिक लेनदेन की पूरी श्रृंखला को ट्रिगर करता है। इसके परिणामस्वरूप पर्याप्त मात्रा में नकदी की कमाई होती है। यह कानूनी खामी अब स्वीकार्य नहीं है।”

क्या है प्रस्ताव: ईयू की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि उन गतिविधियों से उत्पन्न राजस्व पर 3 फीसद का टैक्स लगाया जाएगा, जहां उपयोगकर्ता की जानकारी कंपनियों को पैसा बनाने में मदद करती है। गूगल को अपने लक्षित विज्ञापन से होने वाली कमाई पर, फेसबुक को यूजर्स की जानकारी की बिक्री के लिए और अमेजन को उस मार्केटप्लेस फीस पर कर देना होगा जिसे वो एक कस्टमर पर दूसरे को बिक्री करने हेतु वसूलता है।

इस प्रस्ताव के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर ईयू के नीति निर्माताओं ने कहा कि ऐसा निष्पक्षता के लिए किया जाना है। यूरोप में जो भी कंपनियां डिजिटल कारोबार में हैं वो 9.5 फीसद के कर का भुगतान करती हैं, जबकि जो कंपनियां परंपरागत बिजनेस मॉडल वाली हैं उन्हें 23.2 फीसद का कर भुगतान करना होता है।