ख़बरें अभी तक: कोलकाता के बिरभूम में एक 16 साल के युवक की मौत क्रिटिकल केयर यूनिट में एक एसी मैकेनिक की वजह से हो गई है। मैकेनिक ने खुद को डॉक्टर बताया था। युवक को बुर्दवान के प्राइवेट नर्सिंग होम से कोलकाता के निजी अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। अरिजीत दास के परिवार ने बुर्दवान के नबाभात नर्सिंग होम से एक डॉक्टर की मौजूदगी वाली एंबुलेंस की मांग की थी। कोलकाता अस्पताल पहुंचने के बाद अरिजीत के परिवार को पता चला कि जो शख्स खुद को डॉक्टर बता रहा है वह असल में एसी मैकेनिक है। इसके बाद दास ने पूर्बा जादवपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। जिसकी वजह से 25 साल के नकली डॉक्टर शेख सरफराजुद्दीन और एंबुलेंस ड्राइवर 26 साल के तारा बाबू शा को गिरफ्तार किया गया है।
जिसके बाद अरिजीत के पिता ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना चाहते थे और उन्होंने उसे रबिंद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कार्डियक साइंसिस (आईटीआईआईसीएस) ले जाने का निर्णय लिया। 105 किलोमीटर की यात्रा के लिए परिवार ने एक एंबुलेंस और डॉक्टर की मांग की। अरिजीत के पिता ने बताया- हम एंबुलेंस के 8,000 और डॉक्टर के 8,000 रुपए देने को तैयार हो गए लेकिन हम चाहते थे कि डॉक्टर के साथ एंबुलेंस में बैठे मगर ड्राइवर ने हमें इसकी इजाजत नहीं दी। हमें दूसरा वाहन लेने के लिए कहा गया।
युवक के पिता और उसके बड़े भाई ने किसी तरह ड्राइवर की सीट पर बैठ गए। उन्हें सबसे पहले शक तब हुआ जब डॉक्टर की बजाए ड्राइवर मरीज ऑक्सीजन सिलेंडर लगा रहा था। आईटीआईआईसीएस पहुंचकर डॉक्टरों ने अरिजीत को मृत घोषित कर दिया। पहले तो सरफराजुद्दीन ने खुद को टेक्निशियन बताया जो अन्नपूर्णां नर्सिंग होम में डॉक्टर्स की मदद करता है लेकिन बाद में उसने सच कबूलते हुए खुद को एसी मैकेनिक बताया। एफआईआर दर्ज होने के बाद ड्राइवर और नकली डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है।