हिलेरी क्लिंटन को होना चाहिए अमेरिका का राष्ट्रपति: अरुण पुरी

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2018 के अंतिम सत्र ‘दि ग्रेट चर्न- व्हाट हैपेन्स नाउ’ के दौरान इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कहा कि हिलेरी क्लिंटन को अमेरिका का राष्ट्रपति होना चाहिए. उन्होंने कहा कि समझदार लोग समय गुजरने के साथ इस बात का एहसास कर रहे हैं कि हिलेरी क्लिंटन को अमेरिका का राष्ट्रपति होना चाहिए था.

अरुण पुरी ने कहा, ‘अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले निर्वाचित राष्ट्रपति, राष्ट्रपति उम्मीदवार, नामित राष्ट्रपति आदि टाइल्स का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि मैं आपको ‘अमेरिका का राष्ट्रपति होना चाहिए’ का टाइल देने की आजादी चाहूंगा.’ हिलेरी क्लिंटन का परिचय देते हुए उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की पहली महिला रह चुकी हैं.

इसके अलावा अमेरिकी सीनेटर , पूर्व विदेश मंत्री समेत अन्य पदों पर रह चुकी हैं. इस सत्र में शरीक हुईं हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने अमेरिकी राजनीति में अपने भविष्य को लेकर भी बात रखी. हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार के पीछे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ बताया.

उन्होंने कहा कि अगर आप अमेरिका की राजनीति में रुचि रखते हैं, तो नजर बनाए रखिए, क्योंकि अगले कुछ सालों में अमेरिकी राजनीति दिलचस्प होने जा रही है. हिलेरी क्लिंटन ने कहा, ‘मैं ज्यादा से ज्यादा डेमोक्रेट्स को जिताने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं, ताकि काफी संख्या में डेमोक्रेट्स का प्रतिनिधित्व रहे. इससे संतुलन बनाने में मदद मिलेगी. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस ओर अमेरिका को ले जा रहे हैं, उससे कई पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति चिंतित हैं.’

हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि उनके पति और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी बेहद चिंतित हैं. अमेरिकी लोकतंत्र में यकीन करने वाले भी तंग आ चुके हैं. पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा, ‘मुझे इस बात का दुख है कि मैं ट्रंप को राष्ट्रपति बनने से नहीं रोक पाई.’ उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप दुनिया को खोखला बना रहे हैं. ट्रंप के शासन में अमेरिका अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहा है. हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप तानाशाहों की तरह हैं. डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी की वजह से अप्रवासी विरोधी भावना अब जहर बन चुकी है.