एक्‍टर इरफान के बारे में लगाए जा रहे जो कयास, उस घातक बीमारी के बारे में यहां जानें

जब से एक्‍टर इरफान खान ने ट्विटर पर अपनी ‘दुर्लभ’ बीमारी के बारे में संकेत दिए हैं, तभी से उस बीमारी के बारे में मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि खुद इरफान ने अपनी बीमारी का जिक्र नहीं किया है लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनको ‘ब्रेन कैंसर’ है. इस संबंध में जो कयास लगाए जा रहे हैं, उनके मुताबिक इरफान को मेडिकल भाषा में ग्‍लायोब्‍लास्‍टोमा मल्‍टीफोर्मे (जीबीएम) का स्‍टेज-4 कैंसर है. जीबीएम को आक्रामक ब्रेन कैंसर कहा जाता है.

डेथ ऑफ डायग्‍नोसिस
जीबीएम को ‘डेथ ऑफ डायग्‍नोसिस’ भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इसके बारे में काफी देर से पता चलता है. इस कैंसर के कारणों के बारे में भी कोई स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं है. जैनेटिक डिसऑर्डर भी इसके होने की एक बड़ी वजह मानी जाती है. इसके शुरुआती लक्षण पता नहीं चलते. लेकिन सिरदर्द, व्‍यवहार में बदलाव, उलटी, याददाश्‍त जाना, न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍याओं का होना मोटेतौर पर इसके लक्षणों में शुमार किया जा सकता है. सीटी स्‍कैन, एमआरआई स्‍कैन और टिश्‍यू बॉयोप्‍सी के बाद ही इसके बारे में स्‍पष्‍ट रूप से पता चलता है.

ब्रेन ट्यूमर के 15 प्रतिशत केस जीबीएम के होते हैं. यह मेनिनजियोमा के बाद दूसरा सबसे आम ब्रेन ट्यूमर माना जाता है. सामान्‍य मस्तिष्‍क कोशिकाओं से इसकी शुरुआत हो सकती है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इस तरह के कैंसर के केस अधिक होते हैं. पुरुषों में भी 64 साल की उम्र के बाद इसके होने की अधिक आशंका होती है.

कितना है खतरनाक
इस बीमारी को बेहद घातक माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि इलाज के बावजूद इसके दोबारा उभरने के भी बड़े चांस होते हैं. जांच में इसके बारे में पता चलने के बाद सामान्‍यतया रोगी के 12-15 महीने तक ही जीवित रहने की संभावना होती है. केवल 3-5 प्रतिशत मामलों में ही रोगी पांच से अधिक जीवित रह पाता है. इस पर भी इलाज नहीं होने की स्थिति में जीवित रहने की संभावित अवधि तीन माह होती है.

इरफान खान
उल्‍लेखनीय है कि इरफान ने सोमवार को ट्वीट कर अपनी बीमारी के बारे में जानकारी साझा की. उन्‍होंने लिखा, ‘कभी-कभी आप जागते हैं और पाते हैं कि आपकी जिंदगी पूरी तरह से हिल चुकी है. बीते 15 दिन में मेरी जिंदगी सस्पेंस स्टोरी बन गई है. मुझे इसके बारे में अंदाजा भी नहीं था कि दुर्लभ कहानियों की तलाश करते-करते मुझे एक दुर्लभ बीमारी मिल जाएगी. हालांकि मैंने कभी आशा का दामन नहीं छोड़ा और हमेशा अपने पसंद के लिए लड़ाई लड़ी और हमेशा लड़ूंगा. मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं और हम सब फिलहाल इस बीमारी से निकलने के अच्छे रास्ते तलाश रहे हैं. इस कोशिश के दौरान कृपया अटकलें न लगाएं क्योंकि एक सप्ताह-दस दिन के भीतर मैं खुद ही आपके साथ अपनी कहानी साझा करूंगा. तब तक मेरे लिए अच्छे की कामना करें.’

30 से अधिक फिल्मों में कर चुके हैं काम
इरफान खान हिन्दी, अंग्रेजी फ़िल्मों, व टेलीविजन के एक अभिनेता हैं.न्होने ‘द वारियर’, ‘मकबूल’, ‘हासिल’, ‘द नेमसेक’, ‘रोग’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘करीब-करीब सिंगल’ जैसी फिल्मों मे अपने अभिनय का लोहा मनवाया. ‘हासिल’ फिल्म के लिए उन्हें वर्ष 2004 का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. वह बॉलीवुड की 30 से ज्यादा फिल्मों मे अभिनय कर चुके हैं. इरफान ने टेलीवीजन की दुनिया में ‘भारत एक खोज’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘चंद्रकांता’ और ‘श्रीकांत’ जैसे धारावाहिकों में भी काम किया है.