BPL चयन को लेकर चल रहे अभियान का अंतिम दौर

खबरें अभी तक। अगर इस बार बी.पी.एल. के चयन में इमान डोला नहीं और सरकार व प्रशासन ने आखिर तक चुस्ती दिखाई तो इन सूचियों में नाम डलवाने वाले धन्नासेठ भूल जाएं और पात्र परिवारों को भी उनका हक नसीब होगा। जिस तरह से सूचना का अधिकार अधिनियम के जमाने में इस बार बी.पी.एल. सूचियों में स्थानीय हलका पटवारियों सहित अन्य लोगों की कमेटी बनाकर इनकम संबंधी रिपोर्ट में जवाबदेही तय की है। गलती से इनकी मिलीभगत साबित होने पर इसकी गाज इन लोगों पर गिरना भी पक्का है। उल्लेखनीय है कि बी.पी.एल. में पात्र परिवारों के चयन को लेकर चल रहे अभियान का पड़ाव अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है।

ग्राम सभा की बैठक से पहले सरकार ने पंचायत के प्रत्येक वार्ड में वार्ड सदस्यों की अध्यक्षता में उपग्राम सभाओं का आयोजन सुनिश्चित करवाया है। वार्ड में प्राप्त आपत्तियां व सुझावों को ग्राम सभा की बैठक में रखा जाएगा। क्योंकि बी.पी.एल. परिवारों का चयन ग्राम सभा को करना है तथा अंतिम निर्णय ग्राम सभा का ही माना जाएगा। लोगों ने अपात्र परिवारों को हटाने की शिकायतें कम जबकि अपना नाम दर्ज करवाने को लेकर भारी उत्साह दिखाया है। बी.पी.एल. में अपने नाम के चयन को लेकर लोगों में होड़ मची हुई है, जबकि दूसरी ओर अपात्र परिवारों को कैसे बाहर किया जाए, इसे लेकर सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ग्राम सभाओं की बैठकों का दौर शुरू होगा और यह बैठकें हंगामे पूर्ण होने वाली हैं।

ये लोग नहीं होंगे बी.पी.एल. सूची में शामिल
अब चौपहिया वाहन मालिकों को बी.पी.एल. से बाहर कर दिया जाएगा। आयकर दाता बी.पी.एल. सूची का हिस्सा नहीं बनेंगे, वहीं 52 कनाल से ऊपर की भूमि का मालिक भी बी.पी.एल. का लाभ नहीं उठा पाएगा। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक वेतन भत्तों से यदि मासिक 2500 रुपए से ज्यादा मिल रहा है तो बी.पी.एल. में शामिल होना भूल जाएं। आधुनिक शहरी प्रकार का मकान मालिक भी बी.पी.एल. सूचि से डिलीट होगा।

इनको मिलेगा अधिमान
कई पंचायतों ने अपने स्तर पर अपात्र परिवारों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए योजना बनाई है चूंकि सरकार की सारी योजनाएं बी.पी.एल. परिवारों के इर्द-गिर्द ही घूमती हैं, इसलिए ऐसे परिवारों की सूची भी बनाई जा रही है जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों की बजाय प्राइवेट स्कूलों के अंदर पढ़ रहे हैं। कई परिवार तो ऐसे हैं जिनका एक पुत्र है और राशन कार्ड अलग बनवा कर बी.पी.एल. का लाभ उठा रहा है। सरकार ने सख्ती दिखाते हुए इस बार पटवारियों को भी 3 सदस्यों वाली कमेटी में शामिल किया है। पटवारी जमीन का हवाला देते हुए मासिक इनकम की रिपोर्ट भरेंगे और यदि पटवारी की रिपोर्ट में मासिक इनकम 2500 रुपए से ज्यादा हुई तो ऐसे परिवार का नाम स्वत: बी.पी.एल. सूची से हटाया जा सकेगा।

ग्राम सभा की बैठकों में हंगामे के आसार
परागपुर ब्लाक के बी.डी.ओ. ओ.पी. ठाकुर ने ऐसी पंचायतों की रिपोर्ट मंगवाई है, जहां ग्राम सभा की बैठक में हंगामा होने की संभावना ज्यादा है। बी.डी.ओ. ने इस तरह की पंचायतों में पुलिस भेजने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं डी.आर.डी.ए. धर्मशाला के उपनिदेशक एवं प्रोजैक्ट ऑफिसर मनीष शर्मा का कहना है कि पंचायतें सुरक्षा के लिए पुलिस डिमांड कर सकती हैं और ऐसा प्रावधान भी है कि जहां ग्राम सभा की बैठकों में हंगामेपूर्ण स्थिति बनने की संभावना हो, वहां पुलिस भेजी जा सकती है।