अब सीधे स्कूलों के खातों में पड़ेगी NNS की ग्रांट

खबरें अभी तक। एन.एन.एस. ग्रांट के वितरण को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है। इसके तहत अब मंत्रालय सीधे तौर पर स्कूलों के खाते में एन.एस.एस. की ग्रांट डालेगा। प्रदेश को वर्ष 2018 में मिलने वाली ग्रांट इसी आधार पर दी जाएगी।

इसके लिए मंत्रालय के निर्देशों के तहत शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूल जहां एन.एस.एस. यूनिट है, उनके बैंक खाते सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मंत्रालय को भेज दी थी। अब शिक्षा विभाग इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण देने जा रहा है।

इस प्रशिक्षण के अंतर्गत कर्मचारियों व अधिकारियों को फाइनांशियल संबंधी टिप्स दिए जाएंगे। इससे पूर्व शिक्षा निदेशालय के माध्यम से स्कूलों को यह ग्रांट दी जाती थी लेकिन अब केंद्र सरकार अगली ग्रांट सीधे स्कूलों को देगी।

10 मार्च तक स्कूलों से मांगी एन.एस.एस. की एनुअल रिपोर्ट
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश जारी कर 10 मार्च तक उन्हें एन.एस.एस. की एनुअल रिपोर्ट देने को कहा है ताकि 31 मार्च तक इसकी कंसोलीडेटिड रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा सके। इसके बाद ही केंद्र प्रदेश को एन.एस.एस. की अगली ग्रांट जारी करेगा। विभाग ने ऐसे स्कूल जिन्होंने अभी तक उक्त रिपोर्ट नहीं भेजी है, उन्हें इन निर्देशों को गंभीरता से लेने को कहा है। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक सुशील पुंडीर ने बताया कि केंद्र इस साल से उक्त व्यवस्था करने जा रहा है। इसके तहत स्कूलों को सीधे ग्रांट दी जाएगी। इसको लेकर विभाग जल्द ही प्रशिक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है। प्रदेश में 17 मार्च से इस संबंध में अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

17 मार्च से विभाग देगा प्रशिक्षण 
विभाग 17 मार्च से इस संबंध में कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षण देने जा रहा है। 17 मार्च को बिलासपुर ब्वायज स्कूल में यह प्रशिक्षण होगा, 19 को क कांगड़ा में कृष्णा नगर स्कूल में, 21 को सुंदरनगर के ब्वायज स्कूल और 24 मार्च को शिमला के पोर्टमोर स्कूल में यह प्रशिक्षण कार्यक्र म आयोजित करवाया जा रहा है।

खर्चे पर केंद्र की रहेगी नजर, मंत्रालय ने तैयार किया सॉफ्टवेयर
एन.एस.एस. ग्रांट की निगरानी के लिए मंत्रालय ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें सभी स्कूलों के नाम व पते सहित उनके बैंक खाता नंबर डाले गए हैं और स्कूलों को कोड नंबर दिए गए हैं। ऐसे में जितनी ग्रांट स्कूल खर्च करेगा, उसकी जानकारी मंत्रालय के संबंधित विभाग को मिल जाएगी। पूरे देश में केंद्रीय संसाधन मंत्रालय यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है।