हैलीकॉप्टर से देखी अवैध माइनिंग,जांच के आदेश

खबरें अभी तक। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अवैध माइनिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मौके पर जांच के आदेश दिए। जानकारी के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री आज  करतारपुर में स्थित जंगे आजादी स्मारक के दूसरे चरण का लोकार्पण करने पहुंचे थे।

इससे पहले जब वे हेलीकॉप्टर पर सवार होकर आ रहे थे तो उन्होंने सतलुज किनारे अवैध माइनिंग होते देखी। करतारपुर उतरते ही कैप्टन ने सबसे पहले जालंधर और नवांशहर के एस.एस.पी. और डीसी को आदेश जारी किए कि माइनिंग को तुरंत प्रभाव से रोका जाए और केस दर्ज किया जाए। कैप्टन ने ये अवैध माइनिंग फिल्लौर के सतलुज दरिया और राहों में देखी। कैप्टन ने कहा कि अवैध माइनिंग करने वाले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

बता दें कि अवैध खनन तथा माइनिंग आबंटन का मामला पंजाब में काफी अरसे से गरमाया हुआ है। अवैध खनन कारण कैप्टन की कार्यशैली भी अब सवालों के घेरे में आ गई है। आखिर उनके लाख दावों के बावजूद पंजाब में अवैध कारोबार कैसे प्रफुल्लित हो रहा है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत का नाम खनन में ऐसा उछला कि राणा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।  पंजाब में रेत माफियाओं का खात्मा करने के दावे पर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है। इतना बदलाव जरूर हुआ है कि रेत माफिया पहले अकाली सरकार की संरक्षण में थे, अब कांग्रेस सरकार के बताए जा रहे हैं।

देखा जाए तो कानूनन ट्रकों द्वारा रेत की भराई ज्यादा से ज्यादा 600 फीट तक की जा सकती है लेकिन रेत माफियाओं ने ट्रालियों जिनमें 100 फीट से ज्यादा रेत या मिट्टी अपलोड नहीं की जा सकती उन्हें करीब सात फीट ऊंचा कर उनमें साढ़े छ सौ फीट रेत भरना शुरू कर दिया है जिसके चलते सतलुज के किनारे खाली होते जा रहे हैं। जिससे भूक्षरण का खातरा बना हुआ है।

अवैज्ञानिक तरीके से खनन करने, गैरकानूनी ढंग से रेत भरने, घरेलू वाहनों को कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल करने, ओवरलोडिंग करने वालों के खिलाफ कानून में माईनिंग एक्ट के तहत सख्त सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है।